कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कारवां अब हरियाणा में है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी के जूतों से लेकर उनके कपड़ों तक और फिर लोगों से गले मिलने से लेकर उनकी दाढ़ी तक ख़ूब चर्चा हुई है लेकिन अब चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है उनकी टी-शर्ट। हालाँकि इस बार टी-शर्ट अपनी क़ीमत की वजह से चर्चा में नहीं है बल्कि इस वजह से चर्चा में है कि सर्दी के मौसम में भी राहुल गांधी को T शर्ट ही क्यों भा रही है। इस बात को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है कि उत्तर भारत की इस ठंड में भी आखिरकार राहुल गांधी को सर्दी क्यों नहीं लग रही। क्या वजह है कि सुबह छह बजे राहुल गांधी जब यात्रा पर निकलते हैं तो जैकेट क्यों नहीं पहनते आख़िर क्यों उनके साथ नज़र आने वाले तमाम नेता बड़ी बड़ी जैकेट पहने के बावजूद ठंड से ठिठुरते नज़र आते हैं, कहीं अलाव तापने की तस्वीरें सामने आयी तो कहीं मफ़लर और टोपी लगाए हुए नेता दिखाई दिए। लेकिन सर्दी के इस मौसम में भी राहुल गांधी ठंड को लेकर इतने बेपरवाह क्यों है। आखिरकार क्यों जब भारत जोड़ो यात्रा में हर कोई गर्म कपड़ों में नज़र आ रहा है तो राहुल गांधी 1 हाफ़ स्लीव की टी-शर्ट में भी बड़े ही आराम से चलते हुए दिखाई देते हैं। राहुल गांधी को सर्दी क्यों नहीं लगती यह सवाल कांग्रेस के भीतर और बाहर दोनों जगह पूछा जा रहा है। क्या इसके पीछे राहुल गांधी की स्ट्रॉंग विल पावर है या फिर नियमित तौर पर की जाने वाली उनकी कसरत है, या फिर यात्रा में लोगों का मिल रहा समर्थन और उसकी ऊर्जा उन्हें ठंड महसूस नहीं होने देती। लेकिन ये सवाल ऐसा है जिसका कोई एक जवाब ठीक ठाक नहीं हो सकता। ठण्ड तो ठंड है अगर आप बहुत बड़े संन्यासी तपस्वी नहीं है तो निश्चित तौर पर ये आपको लगेगी। किसी को कम किसी को ज़्यादा लेकिन ठंड तो महसूस होती ही है। हरियाणा के बाद यह यात्रा दिल्ली जाएगी अब दिल्ली की सर्दी देश भर में मशहूर है देखना होगा कि जब एक ब्रेक के बाद राहुल गांधी फिर से यात्रा पर लौटेंगे तो क्या जनवरी की कड़ाके की ठंड में भी वे टी शर्टपहनते हुए ही नज़र आएंगे, अगर ऐसा हुआ तो वाक़ई सर्दी के मौसम में राहुल गांधी गर्मी के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर बन सकते है।