वरिष्ठ अध्यापक शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामला लगातार गर्माता जा रहा है. 24 दिसंबर को जालौर से उदयपुर जा रही बस में 47 अभ्यर्थियों को पुलिस ने पेपर के साथ पकड़ा. पूरी भरी हुई बस में अभ्यर्थियों के पकड़ने के बाद आरपीएससी की ओर से सुबह 9 बजे से होने वाले जीके के पेपर को रद्द करने का फैसला लिया. लेकिन अब पुलिस द्वारा जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं तो इस बस के द्वारा 20 दिसम्बर 22 दिसम्बर और 23 दिसंबर को भी जालौर से गुजरने के वीडियो टोल प्लाजा से सामने आने के बाद अब खलबली मच ने शुरू हो गई है. जिसके बाद 24 दिसंबर से पहले हुए पेपरों पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
22 और 23 दिसंबर को भी टोल से गुजरी थी यह बस
24 दिसंबर को पेपर लीक से जुड़ी घटना की बस लगातार सुर्खियों में नजर आ रही है. 24 दिसंबर को जहां पुलिस ने इस बस में 47 अभ्यर्थियों को पेपर के साथ हिरासत में लिया था. तो वही 22 और 23 दिसंबर को भी इस बस के टोल प्लाजा से गुजरने के वीडियो सामने आने के बाद 24 दिसंबर से पहले हुए पेपर पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. टोल प्लाजा से गुजरने वाली इस बस के 23 और 24 दिसंबर से गुजरने के बाद अप पुलिस पहले हुए पेपरों की भी जांच में जुट गई है. इसके साथ ही गिरफ्त में आए आरोपियों से भी पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है.
पेपर लीक मामले में कई बड़े नामों का हो सकता खुलासा
24 दिसंबर को जहां पेपर लीक होने की जानकारी के बाद आरपीएससी ने सुबह आयोजित होने वाले जीके के पेपर को रद्द कर दिया था. तो उसके बाद से ही लगातार गिरफ्तारीयों का दौर जारी है. पुलिस प्रशासन की अगर मानी जाए तो इस पेपर लीक के पीछे बड़े गिरोह की साजिश के साथ ही कई बड़े नामों का भी शामिल होना पाया जा सकता है. हालांकि पुलिस द्वारा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है. तो वहीं अब विपक्ष और बेरोजगारों के द्वारा इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी तेज होने लगी है. हालांकि सरकार द्वारा हिरासत में लिए गए सभी 47 अभ्यर्थियों को आजीवन किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए डिबार कर दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की भी बात कही जा रही है