जयपुर। राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी चिकित्सकों को सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतनमान और भत्ते दिलवाने की सरकार से मांग की।
संयोजक जितेंद्र सिंह कोठारी ने कहा कि राज्य में 5 हजार आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सक काम कर रहे हैं। आयुष चिकित्साधिकारियों की शैक्षणिक योग्यता, भर्ती प्रक्रिया और कार्य केंद्र के आयुष चिकित्साधिकारियों और राज्य के एलोपैथी चिकित्साधिकारियों के बराबर है।
आयुर्वेद स्नातकों का इंटर्नशिप भत्ता, स्नातकोत्तर अध्येताओं का स्टाईपेंड, प्रारंभिक नियुक्ति के समय आयुष एवं एलौपैथी चिकित्साधिकारियों का वेतनमान भी समान है। लेकिन पहली, दूसरी और तीसरे प्रमोशन के समय प्रदेश के आयुष चिकित्साधिकारियों के वेतनमान में केंद्र के आयुष चिकित्साधिकारियों और राज्य के एलोपैथी चिकित्साधिकारियों के वेतनमान की तुलना में अध्यधिक विसंगति है।
उन्होंने बताया कि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में भी स्पष्ट बताया है कि केंद्रीय आयुष चिकित्साधिकारियों को केंद्र के ऐलोपैथी चिकित्साधिकारियों के समान डीएसीपी का लाभ दिया जाए। जिसकी पालना में आयुष मंत्रालय आदेश भी जारी कर चुका है।
दिल्ली राज्य सरकार की ओर से आयुष चिकित्साधिकारियों को वर्ष 2009 में डीएसीपी का लाभ दिया जा चुका है। उत्तराखंड, दिल्ली सरकार में भी आयुष चिकित्साधिकारियों को डीएसीपी का लाभ देते हुए प्रथम, द्वितीय, तृतीय पदोन्नति पर ग्रेड पे 6600, 7600 और 7600 दी गई है।
प्रदेश में एलोपैथी चिकित्साधिकारियों को 6,12,18 सेवा पर डीएसीपी का लाभ दिया जा चुका है। सातवां वेतनमान लागू हो चुका है। छठे वेतनमान की विसंगतियां अभी तक दूर नहीं हुई है। जिससे वेतनमान में ज्यादा डिफरेंस हो गया है। उन्होंने सरकार से इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की है। इस दौरान आयुष चिकित्साधिकारी पीयूष त्रिवेदी सहित अन्य मौजूद रहे।