कुलदीप छंगाणी, जैसलमेर। रविवार अलसुबह जैसलमेर के चाचा गांव के पास रेलवे ट्रैक पर पोकरण निवासी दो लोगों के संदिग्ध अवस्था में शव मिलने का मामला करवट बदलता नजर आ रहा है. दोनों ही मृतक दिल्ली की न्यू सिक्योरिटी कंपनी के कर्मचारी थे और चाचा गांव के पास रेलवे ट्रैक पर रात्रि गश्त का काम करते थे. परिजनों ने खबर लिखे जाने तक पोकरण अस्पताल की मोर्चरी से शव नही उठाया है और परिजनों को संदेह है कि ये दुर्घटना नही मर्डर है. अस्पताल परिसर की मोर्चरी के आगे सुबह से ही मृतकों के परिवार के लोगों के साथ ही समाज के लोगों और स्थानीय नेताओं ने धरना दे दिया है. उनकी मांग है कि इस घटना कि पूरी जांच हो व साथ ही मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा राशि की जाए.
क्या है पूरा मामला?
रविवार अलसुबह जैसलमेर के चाचा गांव के पास रेलवे लाईन पर ट्रेन के पटरी पर 2 युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली. जानकारी के अनुसार दोनों ही युवक न्यू सिक्योरिटी कम्पनी में सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात थे. ये कंपनी रेलवे में सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करवाने का काम करती है. दोनों मृतक रात्रि समय में पेट्रोलिंग का कार्य करते थे. सुबह दोनों का ही शव मिलने से हड़कंप मच गया. इसके बाद लोगों ने रेलवे विभाग, जीआरपी, आरपीएफ व पुलिस को सूचना दी, जिस पर तत्काल मौके पर पहुंच घटनास्थल का बारिकी से जायजा लिया गया. दोनों शवों को पुलिस ने पोकरण अस्पताल मोर्चरी में रखवाकर परिजनों से जानकारी ली. दोनों की एक साथ मौत को लेकर परिजन व लोग सवाल उठा रहे है. मृतक का नाम महेन्द्र गोसाई (20 साल) और प्रद्युमन खींची (21 साल) बताया जा रहा है.
आत्महत्या, दुर्घटना या मर्डर?
रविवार को इस घटना की सूचना फैलने के साथ ही कस्बे में पूरे दिन दहशत का माहौल रहा. आमजन ने इस दर्दनाक मौतों पर सांत्वना एवं शौक प्रकट किया. घटना के बाद लोगों के बीच घटना के कारण को लेकर चर्चा चलती रही परिजनों और निकट मित्रों के अनुसार दोनों युवक खुशहाल जीवन जी रहे थे इस कारण उन्हें आत्महत्या का कोई कारण नजर नहीं आ रहा. वहीं परिजनों का यह भी कहना है कि दोनों ही युवकों को उस ट्रैक पर आने वाली सभी ट्रेनों के समय की जानकारी थी तो इसे रेल हादसा भी नही माना जा सकता.
गौरतलब है कि इन दिनों पोकरण-जैसलमेर रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक केबल बिछाने का काम चल रहा है. तांबे की धातु से बनी ये केबलें बेशकीमती होती हैं, जिसके कारण चोरों की निगाहे इन केबलों पर टिकी रहती हैं. रेलवे सुरक्षा कंपनी के सुपरवाइजर सांवलदान ने बताया कि पिछले 20 दिनों से लगातार केबल चोरी की घटना हो रही है. इसी को देखते हुए कंपनी ने सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई है. अब परिजनों ने अंदेशा जताया है कि दोनों मर्तक युवकों की केबल चोरी करने आए लोगों से झड़प हुई होगी और उन्हें मार कर रेलवे ट्रैक पर फैंक दिया होगा.
युवकों के पास नहीं थे सुरक्षा उपकरण
इनमें से एक मृतक के चाचा सुरेश कुमार का कहना है कि दोनों ही लड़कों के पास कंपनी के द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं दिए गए थे. उन्हें न वर्दी मिली थी न हेलमेट न ही किसी प्रकार का डंडा या बंदूक दी गई थी सिर्फ टॉर्च के भरोसे वे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा कर रहे थे. ऐसे ही कंपनी के अन्य सुरक्षाकर्मियों से राजस्थान चौक ने जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों चेहरे पर कपड़ा बांधे कुछ लोग मोटरसाइकिल पर रेलवे ट्रैक की रेकी भी कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के साथ एक आरपीएफ का बंदूकधारी जवान होता है लेकिन इस रात वो जवान कहां था इसकी जानकारी ठीक से नहीं मिल पाना और मौत की सूचना मिलने के बाद भी उसका मौके से गायब रहना हत्या का संदेह पैदा करता है. पूरे तौर पर मामले खुलासा तो निष्पक्ष पुलिस जांच से ही संभव हो पाएगा. फिलहाल तक मृतकों के परिजन और समुदाय के लोग पुलिस पर जल्द खुलासा करने का दबाव बना रहे है.