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‘महेंद्र मालवीय जैसे लोग कांग्रेस के लिए कलंक थे’, भरतपुर में बोले रंधावा…डोटासरा ने कहा- प्रदेश में न मुख्यमंत्री की चल रही न मंत्रियों की

लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भरतपुर पहुंचे।

चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भरतपुर पहुंचे। यहां वे कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने पहुंचे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनडीए सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर जमकर हमला बोला।

मोदी सरकार महंगाई कम करने फेल- डोटासरा

उन्होंने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री कम प्रचार मंत्री ज्यादा हैं। चुनाव के समय लाव लश्कर लेकर आते हैं और जनता को बहकाते हैं। ईडी, सीबीआई का भय दिखाकर सत्ता ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी ने शासन पर कब्जा कर लिया है, न मुख्यमंत्री की चल रही है न मंत्रियों की। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने से जनता नाखुश है। देश में 10 साल बाद भी मोदी सरकार ने वादे पूरे नहीं किए। मोदी सरकार महंगाई कम करने, रोजगार दिलाने, आर्थिक नीति ठीक करने में फेल साबित हुई है।

ईडी, सीबीआई का डर दिखाया

डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जिस किसान की आमदनी दुगनी करने की बात कही थी आज उसी पर लाठियां, गोलियां चलाई जा रही हैं। देश में तानाशाही हावी है। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। चुनाव आते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी लाव लश्कर के साथ आते हैं और चुनाव को हाईजैक करते हैं। जनता का ध्यान भटकाते हैं और ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर सत्ता ले लेते हैं।

मालवीय जैसे लोग कांग्रेस के लिए कलंक- रंधावा

वहीं राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी भाजपा और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर जाने वाले महेन्द्र मालवीय पर निशाना साधा है। रंधावा ने कहा कि मैनेजमेंट के लिए मीटिंग की जा रही है। वर्कर बताएंगे कि कहां कमी रही। अब आगे कैसे क्या किया जाए। बीजेपी मैनेजमेंट और डिसिप्लिन दोनों में हमसे आगे है। पार्टी और परिवार तब ही सही तरीके से चल सकता है, जब डिसिप्लिन सख्ती से लागू किया जाए। अगर थोड़ी भी ढील आ जाएगी तो नुकसान हो सकता है।

महेन्द्र मालवीय पर बोलते हुए कहा कि मुझे इस बात का बहुत अफसोस है। मालवीय ने कहा कि मैं तो पहले ही बीजेपी में जाना चाहता था। मुझे मिनिस्टर बनना था। इसका मतलब दाल में कुछ काला है। मंत्री हमारे सबसे ज्यादा हारे, कहां डील थी, कहां उनको छूट दे रखी थी। उन्हें डिसिप्लिन में क्यों नहीं रखा। जो व्यक्ति ऐसी बातें करते हैं। वह पहले अपने गिरेबान में देखें। मालवीय जैसे लोग कांग्रेस के लिए कलंक हैं।

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