Homeक्राइमपहलू खान मामले में डीजीपी ने सरकार को सौंपी जांच रिपोर्ट

पहलू खान मामले में डीजीपी ने सरकार को सौंपी जांच रिपोर्ट

- Advertisement -spot_img

पहलू खान मामले में आज डीजीपी भूपेन्द्र सिंह की ओर से एसआईटी की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गयी है. आपको बता दे कि 1000 पन्नों के अतिरिक्त दस्तावेजों के साथ 80 पन्नों की जांच रिपोर्ट एसआईटी की ओर से तैयार की गई थी, जिसमें राजस्थान पुलिस की मामले में पूर्व में घटिया जांच होना सामने आया था. ये जांच रिपोर्ट एडीजी बीएल सोनी की ओर से डीजीपी भूपेन्द्र सिंह को सौंपी गयी थी. जिसके विस्तृत अध्ययन के बाद आज डीजीपी भूपेन्द्र सिंह ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. इसके साथ ही जांच रिपोर्ट की एक कॉपी विजिलेंस शाखा को भी दी गयी है जिसके आधार पर लापरवाह पुलिस अधिकारियों की जांच की जाकर उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके.

इसके साथ ही अब सरकार भी इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही उच्च न्यायालय में मामले को लेकर अपील करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में पूर्व में की गई जांच की खामियों की पहचान की गई है. जिसमें सीआईडी सीबी की ओर से की गई जांच भी शामिल है. जानकारी के अनुसार घटना वाले दिन अभियुक्तों के मोबाइल टावर की लोकेशन गौशाला के पास में आई थी. एसआईटी ने जांच में पाया कि राजमार्ग और गौशाला से अपराध स्थल के बीच की दूरी लगभग 2 किलोमीटर थी. इतनी कम दूरी में भी निश्चित रूप से मोबाइल की लोकेशन बदल सकती है, यह तथ्य सीआईडी सीबी को पता होना चाहिए था. इसके बावजूद सीआईडी सीबी की ओर से सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई. जांच में यह भी सामने आया कि महत्वपूर्ण वीडियो सबूतों को पेश करने में भी जांच अधिकारियों की कमी रही, महत्वपूर्ण वीडियो को कोर्ट में पेश नहीं किया गया.

पहलू खान मामले में SIT ने ये जांच रिपोर्ट सौंपी डीजीपी को

एसआईटी की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी संदेह जताया गया है. एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में यह भी तथ्य दिया है कि पूर्व में चार स्तर पर मामलों की जांच हुई. लेकिन अभियुक्तों से कड़े तरीके से पूछताछ नहीं की गई और ना ही वीडियोग्राफी करवाई गई जो कि एक बड़ी कमी रही है. अधिकारियों को कहना है कि एसआईटी का मुख्य कार्य मामले को सही ढंग से सामने लाना है. जिससे की सरकार उच्च न्यायालय में छह व्यक्तियों को बरी करने को लेकर चुनौती दे सके.

जांच में मुख्य रुप से ये आया सामने —

  1. पूर्व में की गई जांच की खामियों की हुई पहचान
  2. सीआईडी सीबी की ओर से की गई जांच में भी रही खामियां
  3. घटना वाले दिन अभियुक्तों के मोबाइल टावर की लोकेशन गौशाला के पास में आई थी. एसआईटी ने जांच में पाया कि राजमार्ग और गौशाला से अपराध स्थल के बीच की दूरी लगभग 2 किलोमीटर थी. इतनी कम दूरी में भी निश्चित रूप से मोबाइल की लोकेशन बदल सकती है, यह तथ्य सीआईडी सीबी को पता होना चाहिए था.
  4. कई विपरित तथ्य सामने होने के बावजूद सीआईडी सीबी की ओर से सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई.
  5. महत्वपूर्ण वीडियो सबूतों को पेश करने में भी जांच अधिकारियों की कमी रही, महत्वपूर्ण वीडियो को कोर्ट में पेश नहीं किया गया.
  6. एसआईटी की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी संदेह जताया गया है.
  7. एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में यह भी तथ्य दिया है कि पूर्व में चार स्तर पर मामलों की जांच हुई. लेकिन अभियुक्तों से कड़े तरीके से पूछताछ नहीं की गई और ना ही वीडियोग्राफी करवाई गई जो कि एक बड़ी कमी रही है.

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Stay Connected

Must Read

- Advertisement -spot_img

Related News

- Advertisement -spot_img