चौक टीम, जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर बी एल सोनी ने बड़ा खुलासा किया है। बीएल सोनी डीजी एंटी करप्शन ब्यूरो के पद से हाल में ही रिटायर हुए हैं। पूर्व DG बीएल सोनी ने पेपर लीक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सनसनीखेज आरोप लगाएं हैं। पूर्व IPS बीएल सोनी ने कहा कि 5 साल में लगभग सभी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए।
बी एल सोनी एक वायरल ऑडियो में कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, ‘सरकार चाहती तो रीट के अपराधी भी पकड़े जाते, लेकिन गहलोत सरकार में इच्छा शक्ति की कमी है।’
दरअसल, पेपरलीक प्रकरण को लेकर ACB के मुखिया रह चुके प्रदेश के पूर्व IPS बीएल सोनी ने निशाना साधा है। उन्होंने गहलोत को लेकर कहा कि 5 साल में लगभग सभी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। चयन बोर्ड और RPSC के सदस्य-अफसर तक पकड़े गए। इतना ही नहीं 18 लाख रुपए की घूस लेते राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त एक व्यक्ति भी पकड़ा गया। फोन में OMR सीट तक मिली, लेकिन जांच को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उन्होंने कहा कि गृह विभाग खुद के पास होने के बावजूद पेपर लीक पर मीटिंग नहीं करते थे। वे अपनी ही पार्टी के एक नेता व केंद्रीय मंत्री को उलझाने की योजना में लगे रहते थे।
पूर्व IPS बीएल सोनी ने कहा कि राजस्थान में पेपर लीक और भर्ती में हो रहे विभिन्न घोटालों से जो प्रभावित युवा है लाखों युवा जो बहुत हताश थे, निराश थे। उनमें हाल ही में राजस्थान एस ओ जी द्वारा की गई प्रभावी कारवाई से एक आशा की किरण जगी है और एक बहुत अच्छी बात आज देखने को मिली है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने पूरी एसओजी की टीम को बुलाया, पूरी जानकारी ली उनसे और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए बोला और उनको सारे साधन उपलब्ध कराने का भरोसा दिया।
एक बहुत सुंदर बात उन्होंने कही कि जब भी एसओजी की टीम थके देर रात में थका हुआ महसूस करे तो उनको उन पीड़ित युवाओं के चेहरे याद आने चाहिए जो की इन घोटाले में प्रभावित हुए हैं। ये बहुत मोटिवेशन की बात है और इससे एक बहुत अच्छा मैसेज सारी टीम के अंदर जाता है। पहले ऐसा नहीं होता था, पिछले पांच सालों में पिछली सरकार में करीब सारे पेपर लीक हुए। विभिन्न बोर्ड, लोकसेवा आयोग और उनके अधिकारी बार-बार पकड़े गए, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ने दिया गया।
एक राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त मंत्री 18 लाख रुपए की रिश्वतखोरी में पकड़ा गया, जिसके मोबाइल में सदस्यों से हो रही चैटिंग संदिग्ध चैटिंग है, जिससे की भर्ती में घपले का एक सुराग मिल सकता था। वो मिला और तो और उसके मोबाइल में ओएमआर शीट तक मिली, लेकिन इन्वेस्टिगेशन को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उस समय या तो मीटिंग होती नहीं थी, गृहमंत्री का चार्ज मुख्यमंत्री जी के पास था और न तो उनका समय नहीं मिलता था तो वो मीटिंग करते नहीं थे। इसके अंदर उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और एक केंद्रीय मंत्री को एक फालतू मामले में उलझाने के लिए ही ज्यादातर सारी योजनाएं बनती रहती थी।
पूर्व IPS बीएल सोनी ने कहा कि कभी कोई सीरियस बात नहीं हुई की हम किसी युवा के साथ हो रहे कुठाराघात को रोक सकते हैं। पांच वर्ष में कानून व्यवस्था, पेपरलीक, युवाओं के मामलों में कभी मुख्यमंत्री महोदय ने चर्चा में भाग नहीं लिया। इस संबंध में बहुत चर्चाएं हुई, तत्कालीन समय में विधानसभा में माननीय कटारिया साहब ने इस मुद्दे को बहुत प्रभावशाली तरीके से उठाया था और माननीय विधायकों ने सैंकड़ों प्रश्न इसपे पूछे थे, लेकिन एक भी प्रश्न का उत्तर तत्कालिन मुख्यमंत्री जी ने स्वयं नहीं दिया, बल्कि किसी अन्य मंत्री ने दिया। जिससे ये साबित होता है की कितनी प्रायोरिटी थी इन विषयों पर।
उन्होंने कहा कि भर्ती से संबंधित बोर्ड और आयोग में ऐसे संदिग्ध लोगों को लगाया गया जिससे पूरा राजस्थान शर्मसार है। देश के भ्रष्टतम आयोग के रूप में इसकी पहचान हो गई है। और तो और इनके अपने दल के एक आधिकारिक प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े व्यक्ति को जिसने चुनाव में पानी की तरह पैसा बहाया लेकिन जनता ने नकार दिया। उसके बाद भी उसे आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया। से ऐसे लोगों को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया जिनके बारे में आम जन बहुत संदिग्ध छवि रखता था।
बीएल सोनी ने कहा कि आप विश्वास नहीं करेंगे ऐसे ऐसे लोग भर्ती और आयोग में सदस्य बन गए थे। जिनकी आप एक संविदाकर्मी की भर्ती के अंदर भी रखना नहीं चाहते। शीर्ष संस्थाओं की दुर्गति पिछली सरकार में माननीय गहलोत साहब के समय पर उनके अपने निजी और राजनीतिक स्वार्थ के चलते खूब की गई, राजस्थान के लाखों युवा बददुआ दे रहे हैं। बेचारे गरीब, मैं देखता हूं इनकी पार्कों के अंदर, रेलवे स्टेशन के अंदर जहां पर भी इंटरनेट उपलब्ध है…उनको तैयारी करते हुए देखता हूं तो इनके भविष्य के साथ में हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए मैं अंदर से सिहर जाता हूं।
पूर्व IPS ने कहा कि मैं एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं जो जिला मुख्यालय से भी 90 किलोमीटर दूर है मैं सोचता हूं उस समय ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था होती तो मैं सेवा में नहीं आ सकता था। ऐसे नेतृत्व को सोचना चाहिए की इन संस्थाओं में जिन लोगों को हम भर्ती कर रहे हैं वो अगले 35 साल तक राजस्थान की सेवा करेंगे…तो अगर हम ईमानदार, स्वच्छ छवि के और पारदर्शी सिस्टम के लोग भर्ती करेंगे तो हम उनसे आशा कर सकते हैं की वो राज्य की अच्छे से सेवा करेंगे। लेकिन अगर सारा सिस्टम ही भ्रष्ट होगा और सारा सिस्टम ही फेवर के रूप में होगा। अपने चुनिंदा लोगों के रिश्तेदारों को भर्ती करने में लगा होगा तो उस पर जनता का विश्वास कभी भी नहीं होगा।
बीएल सोनी ने कहा कि ऐसे नेतृत्व को सोचना चाहिए की वो आज है कल रहेंगे नहीं रहेंगे लेकिन संस्थाएं रहेंगी, राज्य रहेगा राष्ट्र रहेगा और उनमें याद किया जाएगा की कब कैसी साफ व्यवस्था थी या दूषित व्यवस्था थी। अब मैं उम्मीद करता हूं की जो आशा की किरण वर्तमान सरकार में है कड़ी कार्रवाई करके दिखाई है वो आगे भी जारी रहेगी और हमारे लाखों युवाओं को, जो गांव के रहने वाले है, शहरों के रहने वाले है। बेचारे उम्मीद करते हैं की कभी वो भी किसी सिस्टम में आकर सेवा करेंगे। इनको एक पारदर्शी एक आधारिक तौर एक सरल प्रक्रिया वाली भर्ती में शामिल होने मिलेगा।
पूर्व डीजी ने कहा कि हमारी और उनकी टीम बहुत सक्षम है। उनको अगर एक्सपर्ट्स, अच्छे लायर्स, टीम अगर दी जाए तो वो जरूर लॉजिकल एंड पर पहुंच सकते हैं। जिससे की जो बड़े षड्यंत्रकारी है जिन्होंने करोड़ों कमाने के लिए अपने कोचिंग संस्थान का कारोबार बढ़ाने के लिए और अपने स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए इस सिस्टम को खराब कर रखा है…हैक कर रखा है…उसमें कुछ सुधार हो सके और जो रियल कल्प्रिट है जो असली अपराधी है वो कानून के दायरे में आ सकें…ऐसी उम्मीद सभी करते हैं।
आपको बता दें ये सारे खुलासे उस अधिकारी ने किए हैं जो राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी ऑफिसर्स में से एक माने जाते थे। एंटी करप्शन ब्यूरो के पद से बीएल सोनी हाल ही में रिटायर हुए हैं। बता दें कि बीएल सोनी के डीजी रहते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई बड़ी कार्रवाई की हैं।