दिल्ली। गृह राज्य से दूसरे राज्य में काम कर रहे मतदाताओं को अब मतदान के लिए गृह राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। घरेलु प्रवासियों को मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग सिस्टम शुरू करने जा रहा है। इसके लिए चुनाव आयोग ने दूरस्थ ईवीएम का प्रोटोटाइप तैयार किया है। ईसीआई ने इसके लिए सभी पार्टियों के लिए 16 जनवरी को इसका एक लाइव डेमो भी रखा है।
मतदान नहीं कर पाते कई लोग
चुनाव आयोग ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मल्टी कॉस्टेटिएंसी रिमोट ईवीएम तैयार की गई है। यह एक सिंगल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है। ईसीआई ने बताया की वोटर टर्नआउट में सुधार लाने के लिए ईसीआई इस तरह का बदलाव कर रहा है।
इलेक्शन कमीशन ने मांगे सुझाव
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से शुरू की जा रही रिमोट वोटिंग सिस्टम के लिए 16 जनवरी को एक लाइव डेमो भी रखा गया है। जिसमें सभी राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों से सुझाव भी मांगे गए हैं। राजनीतिक पार्टियों और हीतधारकों से मिले फीडबैक के आधार पर ईसीआई दूरस्थ मतदान पद्धति को लागू करने की प्रक्रिया पर काम करेगा। इसे लागू करने में कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी आधारों पर सभी से सुझाव मांगे गए हैं।
ईसीआई ने बताया कि 2019 के चुनाव में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। 30 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने वोट नहीं डाले थे। चुनाव आयोग इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के वोट नहीं डालने से नाराज है। ईसीआई ने कहा कि मतदाता कई कारणों से नई जगह नए निवास का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाता है। ऐसे में वह मतदान का उपयोग नहीं कर पाता। उन्होंने बताया कि घरेलू प्रवासियों द्वारा मतदान में असमर्थता, वोटिंग प्रतिशत में सुधार लाने और चुनाव में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई डेटाबेस नहीं है। फिर भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों से यह पता चलता है कि नौकरी,, कामकाज शादी और शिक्षा घरेलू प्रवास की प्रमुख वजहों में शामिल है।