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भजनलाल शर्मा ने लागू की राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025 : प्रदेश में गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग के नए दौर की शुरूआत

जयपुर। राजस्थान राज्य से होने वाले कुल निर्यात की शीर्ष पांच वस्तुओं में शामिल वस्त्र उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। प्रदेश में ‘फाइबर से फैशन तक’ के विजन के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश में ‘राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025’ लागू की है। यह नीति प्रदेश को आधुनिक टेक्सटाइल एवं अपैरल विनिर्माण के नए केन्द्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी। अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किए जाने के बाद बदलते वैश्विक परिदृश्य में राजस्थान के वस्त्र निर्यातकों के लिए यह नीति गेम चेंजर भी साबित होने जा रही है। 

राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025 में निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी शामिल किया गया है। साथ ही इस नीति में प्राकृतिक एवं कृत्रिम फाइबर के उत्पादन को बढ़ाने से लेकर तकनीकी टेक्सटाइल्स और वस्त्र विनिर्माण, हैण्डलूम, ऊन प्रसंस्करण, चमड़े के उत्पाद, फुटवियर जैसे संबंधित क्षेत्रों को भी समाहित किया गया है। इस नीति में टेक्सटाइल उद्यमियों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल कार्यबल, पर्यावरणीय चुनौतियां के समाधान व लॉजिस्टिक्स सहित आधारभूत सुविधाओं के विकास और निर्यात प्रोत्साहन के लिए पर्याप्त और आकर्षक वित्तीय इन्सेंटिव्स के प्रावधान किए गए हैं। 

नई राजस्थान टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी के तहत जहां एक ओर वस्त्र व परिधान क्षेत्र के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 वर्षों तक 80 करोड़ रूपये वार्षिक तक का एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, भूमि/भवन क्रय या लीज पर स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, बिजली उपभोग पर 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी छूट प्रदान की जाएगी।

वहीं पर्यावरणीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस नीति में ग्रीन सॉल्यूशन इंसेंटिव के तहत 12.5 करोड़ रूपये तक 50 प्रतिशत, अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिए बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन शुल्क का 100 प्रतिशत, पेटेंट/कॉपीराइट लागत का 50 प्रतिशत एवं भूमि रूपांतरण शुल्क का 100 प्रतिशत पुनर्भरण के प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह निर्यात इकाइयों को फ्रेट चार्ज पर 25 प्रतिशत तथा कार्मिक प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है। 

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