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Homeशिक्षाराजस्थान यूनिवर्सिटी में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

राजस्थान यूनिवर्सिटी में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

राजस्थान यूनिवर्सिटी के लाइफ लोंग लर्निंग डिपार्टमेंट एवं आईपीआर सोसायटी दिल्ली यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की आज से शुरुआत की गई. दो दिनों तक आयोजित होने जा रही इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में तकनीक को लेकर देशभर से आए हुए वक्ताओं द्वारा अपने विचार रखे गए. इसके साथ ही तकनीक और स्टार्टअप में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया. राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया.

प्रवीण गुप्ता रहे उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि

2 दिनों तक राजस्थान यूनिवर्सिटी के लाइफ लॉन्ग लर्निंग विभाग में आयोजित हो रही इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रवीण गुप्ता मौजूद रहे. मुख्य अतिथि प्रवीण गुप्ता ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए देश के प्रति व्यक्ति को पेटेंट, कॉपीराइट के लिए आगे आकर विभिन्न अनुसंधान के माध्यम से वैश्विक कदमताल करने के लिए प्रथम आवश्यकता बताया. इसके साथ ही बदलते वक्त के साथ ही खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. 

प्रोफेसर बी. रमेश रहे मुख्य वक्ता

राजस्थान यूनिवर्सिटी में आयोजित हो रही दो दिवसीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर बी रमेश मौजूद रहे. मुख्य वक्ता बी रमेश ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में बढ़ती तकनीक और स्टार्टअप के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए. इसके साथ ही युवाओं से आह्वान किया कि वर्तमान में वक्त तेजी से बदल रहा है और इसी बदलते समय के साथ खुद को भी बदलने की आवश्यकता है. युवा अगर तकनीक और स्टार्टअप पर ज्यादा फोकस करेंगे तो उनके लिए भविष्य में बेहतर संभावना भी रहेंगी.

राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति ने की शिरकत

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन ने भी शिरकत की. प्रोफेसर राजीव जैन ने देश के विभिन्न उद्यमियों जैसे कोटा डोरिया की साड़ियां, बीकानेरी भुजिया को पेटेंट करवाने तथा समय के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. लाइफ लॉन्ग लर्निंग विभाग की सहनिदेशक डॉ. बरखा रानी ने बताया कि विभिन्न तकनीकी सत्रों में प्रोफेसर रमन मित्तल, डॉक्टर क्षितिज कुमार सिंह, डॉक्टर नरेन्द्र कुमार विश्नोई ने संबोधित किया साथ ही प्रतिभागियों की विभिन्न तकनीकी समस्याओं का समाधान किया.