24 दिसंबर को सुबह 9 बजे होने वाले सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती GK का पेपर लीक होने के बाद रद्द करने का फैसला लिया गया. और उसके बाद से ही लगातार परीक्षा आयोजन और RPSC की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जहां पेपर आउट होने के बाद आरपीएससी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया था. तो वही आज एक प्रेस वार्ता करते हुए मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए कई बड़े सवाल भी खड़े किए. इसके साथ ही किरोड़ी लाल मीणा ने 11 लोगों की सूची जारी करते हुए सुरेश ढाका और उनके साथ काम करने वाले लोगों पर सीधा आरोप लगाया है.
डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने ये लगाए आरोप
पिंक सिटी प्रेस क्लब में प्रेस को संबोधित करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि पेपर 15 दिन पहले ही सुरेश ढाका और भूपेंद्र को आरपीएससी से मिल गया था. किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि “आयोग की गोपनीय शाखा से पेपर लीक हुआ है. चेयरमैन का जवाब गोपनीय शाखा पेपर हैंडलिंग करती ही नहीं है. इस शाखा का काम परीक्षा के बाद रिजल्ट प्रोसेस करना है. इसमें भी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखा जाता है. इस शाखा के पास पेपर के बारे में जानकारी होना संभव नहीं है. ऐसे में इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेते हुए चेयरमैन को इस्तीफा देना चाहिए.”
24 दिसम्बर से पहले भी 2 बार बस से लाया गया बच्चों को
किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि “21,22 और 24 दिसंबर को होने वाली परीक्षा से पूर्व बच्चों को भरकर बस द्वारा ले जाया गया. साथ ही यह बस खाली वापस आई. जिसका टोल पर सीसीटीवी से साफ पता चलता है की तीनों दिन के पेपर लीक हुए हैं. यदि गहनता से जांच की जाएगी तो तीनों दिनों के पेपर लीक होना पाया जाएगा. इस प्रकार करीब 3 हजार बच्चों को इन वाहनों के जरिए अलग-अलग जगह पर पेपर पढ़ाया गया है.”
सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप
किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया है कि “लंबे समय से राजस्थान में पेपर लीक जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है. कई भर्तियों के पेपर लीक को लेकर सवाल खड़े किए गए थे. जिसकी जांच आज तक चल रही है. लेकिन सरकार की ओर से कोई गंभीर और कठोर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. जिसके चलते नकलचियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. सरकार की इस अनदेखी के चलते जो मेहनतकश बच्चे हैं उनको सफलता नहीं मिल पा रही है.