राजस्थान का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र से ठीक पहले सरकार अपने कामकाज की समीक्षा पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि अपने अपने प्रभार के जिलों में जाकर सरकार के कामकाज की समीक्षा करें।
4 साल के कामकाज की होगी समीक्षा
सीएम अशोक गहलोत ने प्रभारी मंत्रियों को कहा है कि सरकार के 4 साल की बजट घोषणाओं और जन घोषणा पत्र के वादों की क्रियान्वयन की स्थिति को जिलों में जाकर जांचें। सभी जिलों में समीक्षा बैठक लेकर बजट घोषणाओं की समीक्षा की जाए। साथ ही समीक्षा बैठकों की लेकर उनकी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी जाए ताकि चुनावी वर्ष के बजट को बेहतर स्वरूप दिया जा सके।
19 और 20 जनवरी को जिलों का दौरा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी मंत्री 19 और 20 जनवरी को 2 दिन के प्रवास पर जिलों में रहेंगे। प्रभारी मंत्री जिलों में जाकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक लेंगे और सभी विभागों के साथ-साथ अपने-अपने विभागों के कामकाज का फीडबैक लेंगे। यह रिपोर्ट चुनावी वर्ष में सरकार के लिए बेहद अहम साबित होने जा रही है। प्रभारी मंत्रियों की बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बैठक में 4 वर्ष की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ वर्तमान स्थिति पर भी एक रिपोर्ट बनाई जाएगी। जिला स्तरीय अधिकारियों और जिला प्रभारी अधिकारियों की बैठक में मौजूदगी रहेगी। बजट घोषणाओं को लेकर जिलेवार कामकाज का फीडबैक लिया जाएगा, जिन घोषणाओं में कानूनी और विधि विभाग की अड़चनें है, जिसके चलते जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा उन्हें दूर करने के भी प्रयास होंगे।
पिछले जिलों पर दिया जाएगा विशेष स्थान
जिन जिलों में बजट क्रियान्विति की स्थिति पिछड़ी हुई है उन जिलों को विशेष दर्जा देकर काम की रफ्तार को बढ़ाया जाएगा। साथ ही आगामी राजस्थान के बजट में उन जिलों के लिए अलग से कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं। गौरतलब है कि इस बार का बजट युवा और विद्यार्थियों को समर्पित करने का निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिया है। इस आधार पर भी इस रिपोर्ट में कुछ अहम बिंदु शामिल होंगे।