चौक टीम, जयपुर। दौसा जिले के महुवा क्षेत्र में सोमवार को 234 करोड़ की पेयजल योजना का शिलान्यास करने पहुंचे जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी एक्शन में नजर आए। शिकायत मिलने पर मंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों की विजिलेंस टीम से जांच कराई। गड़बड़ी मिलने पर पांच अभियंताओं को निलम्बित कर दिया गया।
दरअसल, मौके पर जांच कर जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया। पिछले लंबे समय से जल जीवन मिशन योजना में महवा उपखंड की शिकायत मिल रही थी और ED भी दौसा जिले में जल जीवन मिशन के तहत हुए घोटाले की जांच में जुटी है।
बता दें दौसा में अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बाद खुद पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने विभाग की टीम को साथ लेकर महुआ क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना के कार्यों का किया। निरीक्षण के दौरान खराब गुणवत्ता वाली पाइपलाइन खराब मोटर पंप मिले तो मंत्री एक्शन में आ गए। बता दें कि मंत्री महवा ईसरदा पेयजल योजना का शिलान्यास करने के लिए आए थे, जिस दौरान उन्हें यह शिकायत मिली थी।
आपको बता दें राजस्थान सरकार के जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने सोमवार को महवा विधानसभा क्षेत्र में जलजीवन मिशन ईसरदा दौसा पेयजल परियोजना के तहत मौजपुर एवं गौहण्डी मीना में 468.32 करोड़ से बनने वाले पम्प हाउस के कार्य का शिलान्यास किया।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा व महवा विधायक राजेंद्र मीणा भी मौजूद रहे। इस मौके पर मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि का इन जल संवर्धन योजनाओं के पूर्ण होने से क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। मैं इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूं, जिनके नेतृत्व में भारत प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है और मैं कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के हर घर मे नल से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के लिए हमारी डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है।
मालूम हो कि जलजीवन मिशन राजस्थान की प्रमुख योजनाओं में से एक है, यह योजना कई लोगों की प्यास बुझाने के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। पिछली सरकार में भी यह योजना भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रही, वहीं इस सरकार में भी इस योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने निकल कर आया है।