शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने बकाया-ब्याज माफी की एमनेस्टी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और नियमित निगरानी के लिए जोनल स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। इन अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जिसमें खनि अभियंताओं और खनन पट्टाधारियों के संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं।
कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूकता
प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि योजना के प्रावधानों को समझाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही संबंधित बकायादारों से व्यक्तिगत समन्वय स्थापित कर बकाया राजस्व वसूली की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की पहल
मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजनलाल शर्मा ने एमनेस्टी योजना को राज्य सरकार के राजस्व बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना से राजस्व वसूली के प्रयासों में लगने वाले समय और धन की बचत होगी, जिससे मानव संसाधन का उपयोग प्रोडक्टिव कार्यों में किया जा सकेगा।
योजना के प्रावधान
एमनेस्टी योजना 31 मार्च 2023 तक के बकाया प्रकरणों पर लागू की गई है।
- योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।
- योजना में ब्याज माफी के साथ बकाया राशि पर 90% तक की राहत प्रदान की गई है।
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करनी होगी।
2900 प्रकरणों पर कार्रवाई की संभावना
माइंस निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि योजना के तहत करीब 2900 प्रकरण आने की संभावना है। जोनल स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने से योजना का क्रियान्वयन और निगरानी अधिक प्रभावी हो सकेगी।
किन प्रकरणों पर लागू होगी योजना?
एमनेस्टी योजना अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंस, बजरी की अस्थाई कार्यानुमति, अधिशुल्क, शास्ति, और निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया राशि पर लागू की गई है।
योजना का उद्देश्य
- बकाया राजस्व की त्वरित वसूली।
- वसूली प्रक्रिया में समय और धन की बचत।
- मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग।
राजस्थान सरकार के इस कदम से माइंस विभाग में पारदर्शिता और राजस्व संग्रहण में सुधार की उम्मीद है।