जेल कर्मियों का मेस बहिष्कार, भूखे रहकर करेंगे आंदोलन, भूखे पेट ही गणतंत्र दिवस परेड में होंगे शामिल

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले जेल कर्मियों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है. जेल कर्मियों के प्रदेश आह्वान पर ( प्रहरी, मुख्य प्रहरी, कारापाल) सामूहिक रूप से जयपुर जेल के केंद्रीय कारागार,जिला जेल,महिला जेल के करीब 200 जेल कर्मियों द्वारा साथ ही पूरे राजस्थान में करीब 3 हजार जेल कर्मियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया गया है. 

दो महत्वपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलन किया गया शुरू

जेल कर्मियों द्वारा वेतन विसंगति दूर करने व पुलिस के समान वेतन-भत्ते करने को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक मेस बहिष्कार कर अन्न का त्याग करते हुए आंदोलन शुरू किया गया है. जयपुर जेल सहित पूरे प्रदेश भर की जेलों में अन्न त्याग करते हुए इन कार्मिकों द्वारा काम किया जा रहा है.

जेल कर्मियों का अपनी मांगों को लेकर क्या है कहना

आंदोलन कर रहे जेल कर्मियों का कहना है कि आरएसी 13वीं बटालियन का मुख्य कार्य केंद्रीय जेलों की केवल बाहरी सुरक्षा है. जबकि जेल कर्मियों का कार्य कारागार की आंतरिक व उप कारागृह पर आंतरिक व बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ बिना हथियार के आंतरिक सुरक्षा करने के साथ साथ ड्यूटी के दौरान स्वावलंबन,सुधार एवं कारागार प्रशासन के कार्य है. जो आरएसी के कार्य आवंटन में कहीं अधिक व्यापक एवं विस्तृत है. ऐसे में जेल कर्मियों के वेतन भत्ते एक शिक्षक के बराबर होने चाहिए. जबकि वास्तविकता में कार्मिकों के वेतन भत्ते बहुत ही कम है. जबकि वर्ष 1998 से पूर्व राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा व राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा का वेतनमान ,वेतन श्रृंखला व ग्रेड पे एक समान थे. इसलिए जेल कर्मियों की प्रमुख मांग है कि वेतन विसंगति को दूर करते हुए पुलिस के समान वेतन व भत्ते किए जाएं. और भविष्य में पुलिस के समान ही वेतन भत्ते रहे. जब तक उक्त मांग हमारी पूरी नहीं होगी हम किसी भी सूरत में इस बार आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.

मेस का बहिष्कार कर भूखे पेट गणतंत्र दिवस की परेड में होंगे शामिल

जेल कर्मियों द्वारा दो मांगों को लेकर किए जा रहे इस आंदोलन में मेस का बहिष्कार करते हुए अन्न त्यागकर अपने आंदोलन की घोषणा की गई है. साथ ही जेल कर्मियों ने घोषणा की है कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे. चाहे इसलिए गणतंत्र दिवस की परेड में भूखे पेट ही क्यूं ना शामिल होना पड़ा. लेकिन जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा

2017 में भाजपा सरकार के दौरान हुआ था समझौता,लेकिन आज तक लागू होने का इंतजार

जेल कर्मियों का कहना है कि हमारे साथ पूर्व भाजपा सरकार ने धोखा-छल किया है ,पूर्व में 2017 में जब हमारी वेतन विसंगति की मांगों को लेकर आंदोलन चरम पर था तब  सरकार के प्रतिनिधियों  और जेल विभाग के अधिकारियों बीच मांगों को लेकर हुए समझौते की आज तक पालन नहीं होने के कारण बहुसंख्यक कर्मियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.इस समझौते की केवल आंशिक मांगों व शर्तों को लागू करते हुए विभाग के मुख्य प्रहरी संवर्ग के वेतनमान में संशोधन कर लागू किया जा चुका है. लेकिन प्रहरी व कारापाल संवर्ग के लिए समझौते को आज तक लागू नहीं किया गया है.

Related articles

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

follow on google news

spot_img

Share article

spot_img

Latest articles

Newsletter

Subscribe to stay updated.