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राजस्थान में इस समाज का बड़ा फैसला, शादी में दूल्हा नहीं रखेगा दाढ़ी, नही होगी अब प्री वेडिंग

मेनारिया समाज की बैठक में प्री-वेडिंग और मृत्युभोज पर प्रतिबंध सहित सामाजिक सुधार के कई अहम फैसले लिए गए। समाज में सुधार और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए भी चर्चा की गई।

रविवार को मेनारिया समाज गिर्वा जोन प्रथम की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नौ गांवों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करना और सुधारों को लागू करना था।

प्री-वेडिंग पर प्रतिबंध

बैठक में सबसे प्रमुख निर्णय प्री-वेडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का लिया गया। यह कदम समाज में अनावश्यक खर्चों को रोकने और समानता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। प्री-वेडिंग शूट्स के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए, यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मृत्युभोज पर रोक

बैठक में मृत्युभोज पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया। इस निर्णय का उद्देश्य समाज में आर्थिक भार को कम करना और साधारण जीवनशैली को बढ़ावा देना है। मृत्युभोज के कारण होने वाले आर्थिक दबाव को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया।

शादी में दूल्हे की दाढ़ी पर रोक

एक और महत्वपूर्ण निर्णय के तहत शादी के दौरान दूल्हे के दाढ़ी रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस फैसले का उद्देश्य समाज में पारंपरिक और स्वच्छ छवि को बनाए रखना है, जो कि विवाह समारोह का एक अहम हिस्सा है।

मृतक के घर से बर्तन देने पर प्रतिबंध

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पगड़ी रस्म के बाद मृतक के घर से किसी भी प्रकार के बर्तन देने पर पूर्णतया रोक लगाई जाएगी। यह निर्णय समाज में अनावश्यक उपहार देने की परंपरा को समाप्त करने के लिए लिया गया है, जिससे आर्थिक भार कम होगा।

युवाओं के पुनर्विवाह को प्रोत्साहन

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी विवाहित युवक या युवती की मृत्यु हो जाती है, तो समाज स्वजाति में उनके पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करेगा। यह निर्णय समाज में नई शुरुआत के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

प्रात:कालीन पल्ला प्रथा पर प्रतिबंध

मृत्यु के दौरान प्रात:कालीन पल्ला प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। यह कदम समाज में पुरानी कुरीतियों को समाप्त करने और आधुनिक सोच को अपनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सामाजिक विवादों को सुलझाने के लिए समिति का गठन

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि विवाह के बाद पति-पत्नी में कोई विवाद होता है, तो समाज द्वारा गठित एक समिति इस मामले की जांच करेगी और आपसी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करेगी। इस समिति का उद्देश्य समाज में शांति और समझदारी को बढ़ावा देना है।

अगली बैठक का निर्णय

बैठक के अंत में निर्णय लिया गया कि अगली बैठक उदयपुर के चीरवा गांव में आयोजित की जाएगी। यह बैठक समाज में हो रहे सुधार कार्यों का आकलन करने और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

इस बैठक में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय मेनारिया समाज के अध्यक्ष जसराज मेहता, ग्राम सभा के संरक्षक जगदीश मेनारिया, और अन्य प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इन अतिथियों ने समाज सुधार के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की और समाज के विकास के लिए अपने सुझाव दिए।

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