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राजस्थान के रण में BSP ने भी ठोकी ताल! गंगानगर से देवकरण नायक तो अलवर से इनको मिला टिकट; जानिए किसका बिगड़ेंगे गणित?

लोकसभा चुनाव में राजस्थान के रण में कांग्रेस-बीजेपी के साथ-साथ बसपा भी मैदान में उतर गई है। बसपा ने राजस्थान की दो लोकसभा सीट से भी प्रत्याशी उतार दिए हैं।

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चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव में राजस्थान के रण में कांग्रेस-बीजेपी के साथ-साथ बसपा भी मैदान में उतर गई है। बता दें बहुजन समाज पार्टी ने 12 मार्च को यूपी की चार लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों की घोषणा की थी। अब बसपा ने राजस्थान की दो लोकसभा सीट से भी प्रत्याशी उतार दिए हैं। बीएसपी ने अलवर से फजल हुसैन और श्रीगंगानगर देवकरण नायक को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने आज इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए है।

दरअसल, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में अकेले चुनावी मैदान में उतर रही है। पार्टी की यह रणनीति कितनी सफल होती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा, फिलहाल पार्टी काफी मंथन के बाद धीरे-धीरे अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही है।

अलवर में बसपा बिगाड़ेगी कांग्रेस का गणित

बीएसपी ने अलवर लोकसभा सीट से फजल हुसैन को प्रत्याशी बनाया है। अलवर में 15 फीसदी आबादी मुस्लिम है। ऐसे में बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा कर कांग्रेस के लिए राह कठिन कर दी है। तिजारा, रामगढ़ और कोटपूतली और लक्ष्मणगढ़ में मुस्लिम वोटर्स बहुतायत में है, जो कि कांग्रेस से समर्थक माने जाते है। हरियाणा की सीमा से लगे इस सीट के साथ अलवर जिले का एक बड़ा हिस्सा मेवात में आता है, जहां कई सीटों पर मुस्लिम वोटरों की चुनावी नतीजे तय करने में निर्णायक भूमिका है।

उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने इमरान खान को टिकट दिया था। इमरान खान 50 हजार से ज्यादा वोट लेने में सफल रहे थे। जिसकी वजह के कांग्रेस प्रत्याशी भंवर जितेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। इमरान खान अब कांग्रेस में शामिल है। 2023 के विधानसभा चुनाव में अलवर के तिजारा विधानसभा से बहुत कम मतों से बीजेपी के महंत बालकनाथ से चुनाव हार गए थे। सियासी जानकारों का कहना है कि मायावती ने एक बार फिर मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए है।

फजल हुसैन कांग्रेस में थे महासचिव

बता दें चौधरी फजल हुसैन राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव थे। लेकिन बसपा का टिकट मिलते ही उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की मंशा से ही बसपा ने चौधरी फजल हुसैन को टिकट दिया है। क्योंकि अलवर में सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होता आय़ा है। इस बार भी ऐसा ही होने के आसार है।

बीजेपी से भूपेंद्र यादव, तो कांग्रेस से ललित यादव लड़ेंगे चुनाव

गौरतलब है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए अलवर सीट से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। भूपेंद्र यादव अजमेर के रहने वाले हैं। दो बार से लगातार बीजेपी से राज्यसभा सदस्य रहे हैं। वर्ष 2018 में राजस्थान से राज्यसभा भेजा था। मगर, इस बार उन्हें अलवर लोकसभा सीट से पार्टी ने मैदान में उतार दिया है। वहीं, कांग्रेस ने मुंडावर विधायक ललित यादव को अलवर सीट से उतारा है। ललित यादव युवा नेता होने के साथ साथ मौजूदा मुंडावर से विधायक हैं और विधानसभा चुनाव में 50 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।

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