चौक टीम, जयपुर। राजधानी में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आज दूसरा दिन है। बता दें 1 फरवरी को शुरू हुआ ये फेस्टिवल 5 फरवरी तक चलने वाला है। साहित्य के इस महाकुंभ में देश-विदेश से 550 से अधिक लेखक, वक्ता आदि शामिल हो रहे हैं। इस फेस्टिवल का उद्घाटन राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया। वहीं दो दिन से भारत के जाने माने गीतकार गुलजार को देखने भीड़ उमड़ी हुई है। बीते कल उन्होंने अपने किताब का विमोचन भी किया।
वहीं, आज जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गीतकार गुलजार ने कहा कि आपकी जिंदगी का असर राइटिंग में रहता ही है, हर फनकार अपनी जिंदगी को अपने क्रिएशन में लगाता है। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि करीब 9-10 साल की उम्र में वो विभाजन की ट्रेजडी देखी है। 9 साल की उम्र में देश को नहीं समझ सकता था। बुजुर्गो से सुनता था, उससे लगता था की यह गलत हो रहा था है।
इसके अलावा गुलजार पार्टिशियन के दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि मैं उस दिन को नहीं भूल सकता जब दोस्त को मारा गया, दुकानें जला दी गईं। यह मेरे जेहन से नहीं निकल सकती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मेरा पड़ोसी लगता है, मेरे कमरे की दूसरी खिड़की की तरह लगता है। मैं अपनी नज्मों को देखता हूं तो लगता है इनमें उदासी सी लगती है, उसमें मेरे बचपन का असर भी लगता है।
गुलजार ने कहा- जितने भी रिफ्यूजी आए। उन्होंने दिल्ली में कुछ न कुछ काम शुरू कर दिया। कुछ किताब किराए पर देने लगे। मैं जासूसी नॉवेल लेकर आता था। रातोंरात किताब खत्म हो जाती थी। राज को जानने के लिए किताब खत्म हो जाती थी। सस्पेंस ही ऐसा होता था। दुकानदार भी परेशान हो गया। उसने मुझे रविंद्रनाथ टैगोर की बुक दी, यहां से मेरी जिंदगी बदल गई। नजरिया बदल गया।
वहीं, ‘गुलजार साहब’ बुक के राइटर यतींद्र मिश्र ने भी कुछ किस्से शेयर किए। उन्होंने बताया कि गुलजार साहब अपने दोस्तों के लिए उनकी गर्लफ्रेंड को लेटर लिखते थे। साथ ही अपने जीवन के अनुभव शेयर करते हुए गुलजार कहते हैं कि आपकी जिंदगी में असर राइटिंग का रहता ही है। हर फनकार अपनी जिंदगी को अपने क्रिएशन में लगाता है।
इससे पहले आज सुबह दरबार हॉल में हुए सेशन में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हम सर्जिकल स्ट्राइक तो कर सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान से टेबल पर बातचीत नहीं कर सकते।