चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा-बूंदी क्षेत्र को कई बड़ी सौगातें दे रहे हैं। इसी कड़ी में कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही एक और बाधा दूर हो गई। शंभूपुरा में चिन्हित भूमि से गुजर रही हाई टेंशन लाइन की शिफ्टिंग के लिए नगर विकास न्यास और पॉवर ग्रिड कॉर्पेरेशन के बीच एमओयू हो गया। इससे पहले कोटा-बूंदी दौरे पर पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और कोटा-बूंदी के जिला प्रशासन के अधिकारियों से फीडबैक लिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि तीनों एजेंसियां अपने-अपने कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बिरला ने कहा कि कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण हमारी प्राथमिकताओं में है। इसलिए चिन्हित भूमि के हस्तांतरित होने से पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ने डीपीआर बनाने के कार्यादेश जारी कर दिए। यह एयरपोर्ट क्षेत्र की प्रगति की संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।
पिछली सरकार पर साधा निशाना
वहीं, ओम बिरला ने ये भी कहा कि एयरपोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध करवाना राज्य सरकार का दायित्व होता है। जमीन ट्रांसफर करने और बिजली की लाइनें शिफ्ट करने के लिए करीब 127 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देना था, लेकिन 26 मई 2022 से 29 अगस्त 2023 के बीच वन विभाग, एयरपोर्ट अथॉरिटी और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन की ओर से भेजे गए दो दर्जन से अधिक पत्रों के बाद भी महज 21 करोड़ रुपए ही जमा करवाए गए। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब कोटा एयरपोर्ट से जुड़े सभी काम प्राथमिकता पर हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ हो।
DPR भी हो रही तैयार
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है। लाइन शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने तक डीपीआर तैयार करने के साथ अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा ताकि जैसे ही पावर ग्रिड की ओर से सहमति मिले, अथॉरिटी तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ कर दे।
हाइटेंशन लाइन के 34 टॉवर होंगे शिफ्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुरूप चिन्हित भूमि की सीमा से चारों दिशाओं में विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे में हाइटेंशन लाइन हटाने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 34 टावर्स को शिफ्ट करेगा। इनके जरिए राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइन्स के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इनके स्थान पर 46 नए टॉवर स्थापित किए जाएंगे, जिन पर 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएंगी।