जयपुर में दो दिवसीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने न्यायपालिका को और अधिक मर्यादित होने की सलाह दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा की पीठासीन अधिकारी न्यायपालिका का सम्मान करते हैं लेकिन न्यायपालिका को भी संविधान से मिली अधिकारों की मर्यादा रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं को और ज्यादा प्रभावी, जवाबदेह बनाने को लेकर सम्मेलन के सत्रों में चर्चा होगी। जनता की समस्याओं का समाधान तब ही हो सकता है जब विधायिका और कार्यपालिका लोगों के प्रति ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शिता से काम करें।
दो दिवसीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर अलग से सेशन में मंथन होगा। संविधान ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका का कार्य क्षेत्र और अधिकार को अच्छी तरह परिभाषित किया है। यह तीनों अंग संविधान की भावना के हिसाब से सामंजस्य से काम करें यह जरूरी है।
सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप से बचते हुए आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने पर मंथन किया जाएगा। बिरला ने कहा कि सम्मेलन के दौरान देश के सभी विधानमंडलों को एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए विचार-विमर्श होगा। सभी विधानमंडलों के डिजिटल संसद प्लेटफार्म पर आने के बाद देश भर के विधायी निकायों में किए जा रहे इनोवेशन और सूचनाओं की जानकारी तत्काल मिल सकेगी।