बुद्व पूर्णिमा पर जानिए भगवान बुद्व के 10 अहम विचार

आज बुद्व पूर्णिमा है। महात्मा बुद्व का जन्मदिवस। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म मानने वाले आते हैं। बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। स्कन्द पुराण के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है।

आईएं जानते है गौत्तम बुद्व के दस प्रमुख विचार।

1. दूसरों का बुरा ना करें-अपनी रक्षा करने के लिए किसी का भी बुरा नहीं सोचना चाहिए।


2. सत्य के बारे में-तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती सूर्य, चंद्रमा और सत्य‌ जिस प्रकार सूर्य रोज दिखाई देता है, चंद्रमा भी दिखाई देता है। उसी तरह असत्य भी कभी ना कभी सामने आ ही जाता है अतः असत्य का साथ नहीं देना चाहिए।


3. जीवन का उद्देश्य सही रखें-जीवन में किसी भी उद्देश्य लक्ष्य से पूछने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उस यात्रा को अच्छी तरीके से संपन्न करना।


4. प्रेम का मार्ग अपनाएं-बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। बुराई को केवल प्रेम से ही समाप्त किया जा सकता है। जो कि एक सर्वमान्य सत्य है।


5. खुद जैसा औरों को समझना-आप जैसे हैं वैसे ही औरों को समझना चाहिए। इस प्रकार सभी को अपना जैसा समझ कर ना किसी से मतभेद करना चाहिए ना किसी प्रकार का भेदभाव करना चाहिए।


6. दूसरों को सुख दे-मनुष्य को हमेशा यह विचार रखना चाहिए। की मरने की नहीं सुख की इच्छा है दुख की नहीं। तथा दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए कि वह अपने जीवन में सुखी वह खुश रहे।


7. स्वयं पर विजय-जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त करो फिर जीत हमेशा तुम्हारी रहेगी।


8. बैर-भाव ना रखें।


9. पशु हिंसा से बचें-हमें किसी भी प्रकार से पशु हिंसक में शामिल नहीं होना चाहिए अर्थात हिंसक को रोकना चाहिए इसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए।


10. चर्म धारण न करें।

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