चौक टीम, जयपुर। भजनलाल सरकार से इस्तीफा देने वाले किरोड़ी लाल मीना ने हाल ही में जयपुर में मंत्री पद को लेकर बयान दिया। डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने स्पष्ट किया, “मैं पार्टी या मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हूं। मैं पिछले 45 सालों से लोगों के बीच संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन मैं लोगों के संघर्ष को पार्टी के लिए वोट में तब्दील नहीं कर पाया हूं। जब मेरी भावनाएं जागृत होंगी, तब मैं इसे स्वीकार करूंगा।”
वहीं उदयपुर में हुई घटना को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा – पिछले राज में कन्हैया लाल हत्याकांड हुआ और अब देवराज हत्याकांड हुआ, हमें उन्मादियों पर सख्ती से नियंत्रण करना होगा।
इस्तीफे के सवाल पर क्या कहा?
दरअसल, डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि, ”मैं पार्टी और मुख्यमंत्री या फिर किसी व्यक्ति से नाराज नहीं हूं। पिछले 45 साल से मैं जनता के बीच रहकर संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन मैं जनता के संघर्ष को वोटों में बदलकर पार्टी में नहीं डलवा पाया। वहीं इस्तीफे के सवाल को लेकर कहा कि जब मेरी भावना जागेगी, मैं तब मानूंगा।”
“ये बेतुका भारत बंद है…”
वहीं 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद को लेकर किरोड़ीलाल ने कहा कि, ये बेतुका भारत बंद है, बंद की कोई जरूरत नहीं है, जो भारत बंद कर रहे हैं वो राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रीमी लेयर लागू होना चाहिए जिसको कैबिनेट ने मना कर दिया तो अब राजनीतिक फायदे के लिए कुछ लोग SC-ST को गुमराह कर रहे हैं।
मैं तो सड़कछाप आदमी हूं- किरोड़ी लाल
वहीं, किरोड़ीलाल मीणा ने हेलिकॉप्टर नहीं मिलने के कारण नाराजगी की चर्चाओं का खंडन किया है। किरोड़ी ने हेलिकॉप्टर के सवाल पर कहा- हेलिकॉप्टर को लेकर बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है। इस मुद्दे पर मेरी कोई नाराजगी नहीं है। मैं तो सड़कछाप आदमी हूं। सड़क पर घूमता रहता हूं। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि आपदा मंत्री बाढ़ में घूम रहा है। मैं भरतपुर, बयाना हिंडौन, करौली घूम कर आया हूं। भगवान न करे कि कहीं फिर से बाढ़ आए। जहां-जहां आपदा आएगी, मैं वहां जाऊंगा।
मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ- किरोड़ी मीणा
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि क्रिमिनल को लेकर देश में जिस तरह से व्यवहार चल रहा है। इसमें मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हूं। मेरे गांव में एक व्यक्ति 30 साल से पहाड़ खोद मजदूरी कर पेट पाल रहा है। उसका बेटा भी इस पर काम कर रहा है, वह मेरा पड़ोसी है, जबकि मैं डॉक्टर बन गया, कैबिनेट मंत्री बन गया, मेरा भाई अफसर बन गया, लेकिन मेरा पड़ोसी अब तक कुछ नहीं बन पाया। जो मेरा पड़ोसी है, वो भी मेहनत कर रहा है। उसे भी कुछ मिलना चाहिए। इसलिए अब उसे भी मौका मिलना चाहिए।