कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया है। खुद किरोड़ी ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से इस बंगले के आवंटन को निरस्त करने की मांग की थी। यह बंगला पहले पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के नाम आवंटित था, और अब उसमें उनका परिवार रह रहा है। भजनलाल सरकार ने 14 जनवरी को 17 मंत्रियों को सरकारी बंगला आवंटित किया था। इसके बाद 9 फरवरी को 6 और मंत्रियों को सरकारी आवास मिला, जिसमें किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल थे।
अपनी ही सरकार पर उठा चुके हैं सवाल
विधानसभा चुनाव के बाद से किरोड़ी लाल मीणा लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। भजनलाल सरकार के सवा साल के कार्यकाल में उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए, जिससे वह चर्चा में बने हुए हैं।
मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं किरोड़ी
लोकसभा चुनाव के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया था कि अगर बीजेपी दौसा समेत 7 सीटें नहीं जीत पाई तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। बीजेपी इन 7 में से 4 सीटें हार गई, जिसके बाद 4 जुलाई को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।
दो बार बजट सत्र से रहे गैरहाजिर
राजस्थान विधानसभा के दो बजट सत्रों में किरोड़ी लाल मीणा शामिल नहीं हुए। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर सदन से दूरी बनाई रखी।
फोन टैपिंग का भी लगाया आरोप
किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर फोन टैपिंग का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी जासूसी की जा रही है और सीआईडी उनके पीछे लगी हुई है। इस बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें नोटिस जारी किया। इसके जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी मंच पर बात करनी चाहिए थी, लेकिन फिर भी अपने आरोपों को सही बताया।