राजस्थान में खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे गए पत्र के वायरल होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस पत्र को एक अधिकारी द्वारा वायरल किया गया था, जिस पर कार्रवाई भी की जा चुकी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सोमवार को जोधपुर दौरे के दौरान मीडिया को बताया कि इस पूरे मामले में किसी मंत्री की कोई संलिप्तता नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना सबूत किसी पर आरोप लगाना सही नहीं है।
विधायक ने पत्र में क्या लिखा था?
30 जनवरी 2025 को लिखे पत्र में रेवंत राम डांगा ने अपने क्षेत्र में सरकारी सहयोग न मिलने की शिकायत की थी।
पत्र के प्रमुख बिंदु:
- खींवसर और मूंडवा क्षेत्र में कई अधिकारियों के ट्रांसफर और पदस्थापन की सिफारिश की गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- विधायक ने लिखा कि बीजेपी सरकार में होने के बावजूद उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल अधिकारियों को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हो रहा है।
- अगर यही हाल रहा तो पार्टी को मजबूत करना मुश्किल होगा।
पत्र वायरल होने से भाजपा नेताओं में तनातनी
जब पत्र सार्वजनिक हुआ, तो भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा ने इसे पार्टी के ही एक सदस्य द्वारा लीक करने का आरोप लगाया। उनके इस बयान को स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से जोड़कर देखा गया।
जब गजेंद्र सिंह से इस मुद्दे पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा:
“बिना सबूत के आरोप लगाना सबसे घिनौना काम है। प्रमाणिकता की बात आते ही लोग पीछे हट जाते हैं।”
क्या इस विवाद का असर भाजपा पर पड़ेगा?
- पार्टी के अंदर आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आई है।
- हनुमान बेनीवाल और भाजपा के कुछ विधायकों के बीच खींचतान बढ़ सकती है।
- राजस्थान में भाजपा सरकार के लिए स्थानीय नेताओं में सामंजस्य बनाए रखना चुनौती बन सकता है।