कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की खंडपीठ ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल्स के आधार पर गिरफ्तारी की है और जावेद की लोकेशन साबित नहीं कर पाई है। कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से जेल में बंद होने और ट्रायल के लंबा चलने की संभावना के कारण उसे जमानत दी जाती है।
जावेद पर साजिश का आरोप
जावेद पर मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप है। एनआईए ने 31 अगस्त 2023 को एनआईए कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद, जावेद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जावेद के वकील सैयद सआदत अली ने कोर्ट में कहा कि जावेद कभी कन्हैयालाल की दुकान पर नहीं गया और एनआईए के पास इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।
एनआईए की दलीलें
एनआईए के वकील टीपी शर्मा ने कोर्ट में कहा कि सभी आरोपी एक-दूसरे को जानते थे और कॉल डिटेल से यह साबित होता है कि जावेद ने रियाज को कॉल किया था। लेकिन जावेद के वकील ने तर्क दिया कि जावेद का रियाज से कोई फोन संपर्क नहीं था और एनआईए के पास इसके साक्ष्य नहीं हैं। कोर्ट ने एनआईए द्वारा लिए गए स्टेटमेंट्स पर भी नाराजगी जताई, क्योंकि वे अंग्रेजी में लिखे गए थे जबकि आरोपी ने अपनी मातृभाषा में बयान दिया था।
पूर्व में भी एक आरोपी को मिली थी जमानत
इससे पहले, एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को 1 सितंबर 2023 को एनआईए कोर्ट से जमानत मिली थी। फरहाद पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज था, और कोर्ट ने उसके खिलाफ पर्याप्त सबूतों के अभाव में उसे जमानत दी थी।
कन्हैयालाल की हत्या का मामला
28 जून 2022 को कन्हैयालाल की निर्मम हत्या मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने उनकी दुकान में घुसकर कर दी थी। इस हत्या के बाद एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें साजिश, हत्या, और आतंकी गतिविधियों के आरोप शामिल थे।