साहित्य के रंग भरेगा जेएलएफ, 19 जनवरी से होगी 16वें संस्करण की शुरुआत

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तैयारियां अंतिम दौर में है। वर्ष 2023 के साहित्य समारोह में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं दस्तक देने जा रही हैं। जयपुर उनके स्वागत के लिए तैयार हैं। जेएलएफ में राजस्थानी वक्ता भी महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे। आईकॉनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16 संस्करण का आयोजन 19 से 23 जनवरी को होगा। होटल क्लार्क्स आमेर जयपुर में होने वाले आयोजन में साहित्य, लेखन और किताबी दुनिया की महत्वपूर्ण शख्सियत शामिल होंगी।

विश्व की नामचीन हस्तियां होंगी शामिल

जेएलएफ में विश्व की नामचीन हस्तियां भाग लेंगी। नोबेल प्राइज से सम्मानित अब्दुलरज़ाक गुरनाह, इंटरनेशनल बुकर प्राइज विजेता गीतांजलि श्री, लेखिका और अनुवादक डेजी रॉकवेल, लेखिका दीप्ति कपूर, बुकर विजेता बेर्नार्दीन एवारिस्तो, लेखक सिद्धार्थ मुखर्जी, बुकर विजेता श्रीलंकाई लेखक शेहान करुनातिलक, गीतकारऔर लेखक गुलज़ार और शास्त्रीय संगीतकार हरिप्रसाद चौरसिया इस बार जयपुर के जेएलएफ में मौजूद रहेंगे।

भाषाओं की बिखेगी खूशबू

जयपुर में आयोजित हो रहे साहित्य के महाकुंभ में विभिन्न भाषाओं के रंग खुशबू बिखेंरेंगे। इनमें 21 भारतीय भाषाएं और 14 अंतरराष्ट्रीय भाषाएं शामिल होंगे। राजस्थान के साहित्यकारों को भी जेएलएफ में जगह दी गई है।

होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित प्रेस वार्ता को टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर संजॉय के. रॉय ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हमारे समय के विभिन्न मुद्दों को उठाने वाले तार्किक संवादों और ज्ञान का मंच है। लेखन के साथ पत्रकारिता और देश दुनिया के महत्वपूर्ण विषयों पर जेएलएफ का फोकस रहता है। इस बार फेस्टिवल का फोकस जलवायु परिवर्तन, जियोपोलिटिक्स, रूस यूक्रेन विवाद, भारत चीन संबंधों, कृषि और ऊर्जा पर रहेगा।

5 हजार वक्ता अब तक ले चुके है भाग

फेस्टिवल अपने 16वें संस्करण में दुनिया के श्रेष्ठ लेखकों की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें अब तक दुनिया भर के 5000 वक्ता और आर्टिस्ट आ चुके हैं। वर्ल्ड के 20 मिलियन से ज्यादा लोगों तक जेएलएफ की पहुंच हुई है। वर्ष 2023 में जेएलएफ के इस संस्करण में 400 वक्ताओं की मौजूदगी रहेगी। जो भारत सहित विभिन्न देशों से संबंधित है। फेस्टिवल में स्कूल आउटरीच प्रोग्राम एक बार फिर से अपनी मौजूदगी दर्शाएगा। जयपुर के 50 से अधिक संस्थानों के जरिए 5000 से अधिक बच्चों तक अपनी बात इस माध्यम से पहुंचेगी। इस प्रोग्राम का मकसद बुक रीडिंग, स्टोरी टेलिंग, इलस्ट्रेशन वर्कशॉप के जरिए विद्यार्थियों की अगली पीढ़ी तक लेखन को पहुंचाना है।

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