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‘भारत की स्थिति भी बांग्लादेश देश जैसी नहीं हो जाए’, राजकुमार रोत का बड़ा बयान, बोले- राजनीति को धर्म से अलग रखा जाए

बांसवाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि देश में जिस तरह हालात हैं इससे यह डर लगने लगा है कि कहीं आने वाले समय में भारत की स्थिति भी बांग्लादेश देश जैसी नहीं हो जाए।

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चौक टीम, जयपुर। बांसवाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हुए कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह हालात हैं इससे यह डर लगने लगा है कि कहीं आने वाले समय में भारत की स्थिति भी बांग्लादेश देश जैसी नहीं हो जाए। इस बयान के बाद राजस्थान में सियासी सरगर्मी बढ़ सकती है।

दरअसल, बांसवाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देश में धर्म और जाति की राजनीति हावी होती जा रही है जिसके चलते सभी समाजों में डर फैल गया है और यहां के लोग भय ग्रस्त हैं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि जिस प्रकार अभी बांग्लादेश के हालात उत्पन्न हुए हैं कहीं आने वाले समय में भारत में भी ऐसे ही हालात उत्पन्न ना हो जाए। इसके लिए भारत आदिवासी पार्टी और अन्य पार्टियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी व एनडीए गठबंधन के नेताओं से धर्म और जाति की राजनीति नहीं करने का आह्वान किया है।

धर्म और जाति की राजनीति पर रोत ने जताई चिंता

राजकुमार रोत ने अपने बयान में कहा कि देश में विभिन्न समाजों के बीच डर का माहौल बन रहा है, जो भविष्य में गंभीर रूप ले सकता है। उन्होंने कहा, “हम बार-बार राजनीति को धर्म से अलग रखने की बात करते आए हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा धर्म और जाति की राजनीति करती आई है, जिससे समाज में अलगाववादी सोच पनपने लगी है जो देश के लिए बहुत घातक है।”

रोत ने भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी कि धर्म और जाति के आधार पर राजनीति करना देश की अखंडता और एकता के लिए खतरनाक है। उन्होंने धर्म और जाति की राजनीति को छोड़कर शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर जताई चिंता

राजकुमार रोत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है, उससे भारत के लिए भी खतरे की घंटी बज सकती है। रोत ने कहा, “बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति चिंताजनक है, और भारत में भी धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। हमें इस खतरे को पहचानते हुए राजनीति में धर्म की भूमिका को कम करने की जरूरत है।”

सरकारी प्रोजेक्टों के कारण हो रहा है आदिवासियों का विस्थापन- रोत

सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि आदिवासी भाई बहन किसी के बहकावे में मत आना। हमें विवेक से लड़ाई लड़नी है। कई प्रोजेक्ट के कारण आदिवासियों का विस्थापन हो रहा है। पूरे देश में पावर प्लांट, सोने की खदान, टाइगर प्रोजेक्ट के जरिए 5 साल में साढे 4 लाख आदिवासियों को विस्थापित होना पड़ा। यह सरकारी आंकड़ा है। इसके खिलाफ हमें संवैधानिक तरीके से लड़ना है। कोई बड़ा प्रोजेक्ट आने पर उसके 100 किमी के एरिया से विस्थापन होता चला जाता है। हमने अंग्रेजों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी। अब भील प्रदेश की लड़ाई बुलंद करनी है।

युवा साथी नशे से दूर रहें

राजकुमार रोत ने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें। उन्होंने कहा- युवा साथी नशे पते से दूर रहें। सुरक्षित रहना हमारा लक्ष्य है। खा-पी के मजबूत रहना है। शरीर मजबूत रहेगा तो दिमाग मजबूत रहेगा। इस तरह हम हमारे हक के लिए लड़ने को तैयार रहेंगे। युवाओं को हम पढ़ा-लिखाकर आईएएस, आईपीएस बनाएंगे। शिक्षा और खेल के क्षेत्र में क्रांति करेंगे। आज बारिश के कारण जो अव्यवस्था हुई, उसी से हम आगे बढ़ेंगे। हमें एसी-कूलर की आदत नहीं है। हम तकलीफ सहेंगे,संघर्ष करेंगे तो निश्चित आगे बढ़ेंगे। आप सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं।

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