प्रदेश में करीब 59 लाख किसान कर्जदार है, कांग्रेस ने चुनाव से पहले सभी किसानों का लोन माफ़ करने का दावा किया था। अब सरकार बनने के बाद सरकार अपना वादा पूरा करती है तो इन किसानों को कर्जमाफ़ करने के लिए 99 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी, सरकारी खज़ाने की माली हालत को देखते हुए यह आसान नहीं है, सरकार खुद कर्ज में डूबी हुई है।

सरकार ने केवल साढ़े आठ हजार करोड़ माफ़ करने के लिए पांच हजार करोड़ को कर्ज NCDI से लिया था। राजस्थान सरकार ने पहली बार किसानों का कर्ज माफ़ साल 2008 में किया था। पचास हजार रुपए तक के लोन माफ़ करने के लिए सरकार के पास बजट नहीं था, बैंको की कमेटी की मार्च 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 58 लाख 84हजार से अधिक बैंक खाते किसानों के कर्ज के है।
इनमे लगभग 33 लाख किसानों ने तो व्यवसायिक बैंको से लोन लिया हुआ है। अन्य किसान सहकारी बैंक से लोन लिया हुआ है, बीजेपी सरकार ने जो कर्ज माफ़ किया है वे सभी सहकारी बैंक से लिए लोन से हदे है। अब किसानों का कर्ज माफ़ करने के लिए सरकार को 9999587 लाख रुपए चाहिए, कर्ज माफ़ी के लिए यह बजट सरकार के लिए आसान नहीं है।

कर्ज का लेखा-जोखा (राशिलाख में)
राष्ट्रीयकृत बैंक
खाते -2486575
लोन राशि – 5408020
पुराने निजी क्षेत्र बैंक
खाते -52010
लोन राशि -19127
नए निजी क्षेत्र बैंक
खाते- 718427
लोन राशि- 1772140
व्यावसायिक बैंक
कुल लोन-7270720
ओवरसीज बैंक
खाते-7223
लोन राशि-71433
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
खाते-796084
लोन राशि-1450561
सहकारी क्षेत्र के बैंक
खाता-1825642
लोन राशि-5885961
कुल खाते-5885961
लोन राशि-9999587