चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश लगातार जारी है। हालांकि कुछ लोगों के अनुसार तलाश पूरी हो चुकी है लेकिन औपचारिक ऐलान में देरी की जा रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं जिसमें राजेंद्र गहलोत, श्रवण सिंह बागड़ी, प्रभुलाल सैनी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का भी नाम है। लेकिन अगर प्रभुलाल सैनी को यह जिम्मेदारी दी जाती है तो इसे सीधे वसुंधरा राजे से जोड़कर देखा जा रहा है।
आइए समझते हैं की अगर प्रभुलाल सैनी अगर बने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तो वसुंधरा राजे की बढ़ेगी ताकत?
मैडम ने कराई एंट्री – कहा जाता है कि प्रभु लाल सैनी की राजनीतिक एंट्री पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की देन है और सैनी चूंकि हाड़ौती से ही आते हैं तो उनका सीधा जुड़ाव भी रहा है।
2 बार सरकार दोनों बार मंत्री, दोनों बार वही विभाग – वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही और दोनों ही सरकार में प्रभु लाल सैनी मंत्री बने जहां उन्हें दोनों ही बार एक ही विभाग दिया गया।
विश्वास और तेज़ तर्रार – सैनी को वसुंधरा राजे के विश्वासु लोगों में गिना जाता है इसके साथ ही वह तेज तर्रार और जमीनी राजनीति वाले नेता भी हैं।
पार्टी लाइन से बाहर नहीं – प्रभुलाल सैनी कभी भी पार्टी लाइन से बाहर नहीं गए हैं। ऐसे में जब राज्य में आगे उपचुनाव, पंचायती राज चुनाव और नगर पालिका चुनाव होने हैं तो पार्टी यह कोशिश करेगी की वसुंधरा राजे पूर्ण तरीके से अपनी सक्रियता दिखाएं।
इन बिंदुओं को देखें तो समझ में आता है कि अगर प्रभुलाल सैनी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो यह वसुंधरा राजे का ही खेल होगा।