शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी (ACB) की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। IAS अधिकारी राजेंद्र विजय को आय से अधिक संपत्ति मामले में पकड़ा गया है। ACB की रेड में करोड़ों की अघोषित संपत्ति मिली है, जिसके बाद उन्हें कोटा संभागीय आयुक्त पद से हटाकर APO कर दिया गया है।
13 भूखंड, सोना-चांदी और नकदी का मिला विवरण
एसीबी ने IAS राजेंद्र विजय के जयपुर, कोटा, दौसा स्थित 4 ठिकानों पर छापेमारी की। छापों के दौरान उनके पास से 13 व्यावसायिक और आवासीय भूखंड, 335 ग्राम सोने और 11.8 किलो चांदी के आभूषण, नकदी, और बैंक खातों में बड़ी राशि बरामद हुई है। उनके पास 3 चार पहिया वाहन भी मिले हैं।
दौसा स्थित पैतृक घर सील
एसीबी की कार्रवाई के दौरान दौसा में स्थित उनके पैतृक घर को सील कर दिया गया है। ACB डीजी डॉ. प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि IAS राजेंद्र विजय के खिलाफ लंबे समय से आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिल रही थीं। बुधवार, 2 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से शुरू हुई इस छापेमारी में उनके 4 ठिकानों की तलाशी ली गई।
IAS राजेंद्र विजय का जीवन परिचय
राजेंद्र विजय प्रमोटी IAS अधिकारी हैं और मूल रूप से दौसा जिले के दुब्बी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 1991 में टोंक, दौसा और नागौर में ACM पद पर अंडर ट्रेनिंग रहते हुए सेवाएं दीं। इसके बाद 1992 में विकास अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए। हाल ही में वह कोटा संभागीय आयुक्त पद पर तैनात थे, जिसे अब भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद APO कर दिया गया है।
परिजनों के नाम पर बनाई संपत्ति
ACB की जांच में सामने आया कि राजेंद्र विजय ने अपने और परिजनों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति जमा की है। उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिए यह संपत्ति बनाई है, जिसका बाजार मूल्य करोड़ों रुपये आंका जा रहा है। तलाशी की कार्रवाई करीब 8 घंटे चली और इसमें कई दस्तावेज़, संपत्ति के कागज़ात, और निवेश से जुड़ी जानकारी मिली।