चौक टीम, बाड़मेर। कांग्रेस पार्टी की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हर लोकसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में पीसीसी चीफ डोटासरा, प्रदेश प्रभारी रंधावा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियों का जायेज़ा ले रहे हैं और उम्मीदवारों को लेकर संवाद कर रहे है। बाड़मेर में कार्यक्रम के दौरान भारी बवाल हुआ है जिसमें पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी के आंसू छलक गए हैं।
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी के छलक गए आंसू
बाड़मेर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी की आंखे भर आई और वे मंच से फूट फुटकर रोए। उन्होंने भगवान राम को याद कर कहा की उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी सीट खुद छोड़ी थी लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं में त्याग की भावना नहीं है। उन्होंने कहा की भगवान राम ने अपने जीवनकाल में कितने बड़े त्याग किए लेकिन पार्टी में नेताओं को त्याग करना नहीं आता और वे सिर्फ पद के पीछे ही भागते रहते हैं।
पूर्व मंत्री अमीन खान ने डोटासरा-रंधावा को लगाई फटकार
शिव विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जिला प्रमुख फतेह खान टिकट कटने के बाद भी चुनावी मैदान में उतरे थे जिसके चलते प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अमीन खान को चुनाव में खासी दिक्कतें हुई थी। फतेह खान पर निशाना साधते हुए अमीन खान ने मंच से पीसीसी चीफ डोटासरा और प्रदेश प्रभारी रंधावा को फटकार लगाई और कहा की चुनाव से पहले ही वे जिला प्रमुख बदलने की बात कही थी लेकिन पार्टी की ओर से उनकी बात नहीं सुनी गई।
शिव के पूर्व विधायक अमीन खान यहीं नहीं रुके बल्कि कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान पर भाजपा से दो करोड रुपए लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ कर कांग्रेस को हराने का आरोप लगाया। अमीन खान ने कांग्रेस नेताओं को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव बाड़मेर जिले में कांग्रेस पार्टी ने नहीं लड़ा, वह चुनाव व्यक्तियों ने लड़ा। कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला।
बाड़मेर में डोटासरा-रंधावा को दिखी पार्टी में फूट
बाड़मेर में कांग्रेस कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को पार्टी में बड़ी फूट देखने मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो लोकसभा चुनाव से पहले हर लोकसभा क्षेत्र में ऐसी फूट अच्छे संकेत नहीं है और इससे लोकसभा में पार्टी को नुकसान होगा।