बाड़मेर। सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने को लेकर पंजाब कांग्रेस प्रभारी, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि सम्मेद शिखर में पर्यटन गतिविधियों के कारण जैन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
जैन समाज की आस्था का प्रतीक
हरीश चौधरी ने बयान जारी कर बताया कि सम्मेद शिखर सिर्फ़ एक धार्मिक स्थान नही, बल्कि यह जैन समाज की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ज़बरदस्ती इसे पर्यटन स्थल बनाए जाने का निर्णय ग़लत और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है। इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
चौधरी ने इस मामले पर जैन समुदाय को समर्थन देते हुए बताया कि यह पवित्र धर्मस्थल है और पर्यटकों के आने यह पवित्र नहीं रहेगा। इसको इको टूरिज्म घोषित नहीं करना चाहिए। बल्कि इसे पवित्र स्थल घोषित किया जाए ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे।
साधना और उपासना का केंद्र
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भी झारखंड सरकार को पत्र लिखकर इससे पर्यटन स्थल घोषित नहीं करने की बात कही है। पूरे देश भर में जैन समुदाय इसका विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि आस्था और उपासना के प्रतीक सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल का दर्जा दिए जाने से यहां धार्मिक गतिविधियां प्रभावित होंगी, यहां आने वाले लोग केवल पर्यटन के नजरिए से इसे देखेंगे। जबकि एक केंद्र साधना और उपासना का है।