नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है और राजस्थान में अब अधिकारियों का शासन चल रहा है।
राजनीतिक स्थिति पर बेनीवाल का बयान:
- भाजपा में पांच गुट बन गए हैं।
- कांग्रेस भी गुटबाजी में उलझी हुई है।
- प्रदेश में अब प्रशासन ही शासन चला रहा है, जिससे जनता को राहत नहीं मिल रही।
- विपक्ष कमजोर होने से सरकार को कोई चुनौती नहीं मिल रही।
कांग्रेस के भीतर कौन-कौन से गुट?
बेनीवाल ने कांग्रेस के भीतर चार बड़े गुटों की पहचान की:
- अशोक गहलोत गुट – पूर्व मुख्यमंत्री समर्थक
- सचिन पायलट गुट – युवा नेताओं का समर्थन
- गोविंद सिंह डोटासरा गुट – संगठन में प्रभाव
- अलवर गुट – क्षेत्रीय प्रभाव रखने वाला धड़ा
🚨 आरोप: “इन गुटों में उलझे नेता जनता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे, सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी कर रहे हैं।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
बेनीवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि:
- “उन्होंने खुद को बचाने के लिए कांग्रेस की चार सीटों पर उपचुनाव में जमानत जब्त करवाई।”
- “राजस्थान में कांग्रेस निष्क्रिय हो चुकी है।”
- “पहले कांग्रेस और आरएलपी गठबंधन से प्रदेश में नई ऊर्जा आई थी, लेकिन अब पार्टी अपनी पुरानी स्थिति में लौट गई है।”
आरएलपी का कांग्रेस-भाजपा से अलग रास्ता
- आरएलपी न भाजपा के साथ है, न कांग्रेस के साथ।
- बेनीवाल ने दावा किया कि “अगर कांग्रेस और आरएलपी गठबंधन में रहते, तो भाजपा की सरकार नहीं बनती।”
- उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि “विपक्ष कमजोर है, जिससे जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है।”
क्या है राजनीतिक असर?
- कांग्रेस की अंदरूनी कलह बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
- आरएलपी की स्थिति मजबूत होने की संभावना, क्योंकि वह खुद को स्वतंत्र राजनीति के पक्षधर के रूप में पेश कर रही है।
- राजस्थान में आगामी राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।