चौक टीम, जयपुर। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की ओर से 13 जुलाई शनिवार को ’सेना पर सियासत’ विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया जाएगा। जेएलएन मार्ग स्थित कलानेरी आर्ट गैलरी में शाम 5.30 इस वार्ता को सेवानिवृत्त कैप्टन मीरा दवे संबोधित करेंगी। इससे पहले सूरत से कारगिल तक जाने वाली कारगिल विजय यात्रा का भी स्वागत किया जाएगा।
फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने बताया कि कारगिल विजय ज्ञान यात्रा 2024 एक महत्वपूर्ण सड़क यात्रा है जिसे कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे (सेवानिवृत्त) और सिद्धार्थ दवे ने अपनी कार में शुरू किया। यात्रा सूरत में शुरू हुई है। इसका समापन द्रास, कारगिल में एक भव्य उत्सव से होगा। जयपुर से होकर यह यात्रा श्रीगंगानगर, अमृतसर, जम्मू और कश्मीर होते हुए द्रास पहुंचेगी।
इस यात्रा के दौरान, कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे और सिद्धार्थ दवे स्थानीय छात्रों, शिक्षाविदों और जनता से जुड़ेंगे। इनका उद्देश्य बहादुरी की कहानियों और सेना के योगदान से आमजन को परिचित कराना है। कारगिल सड़क यात्रा 26 जुलाई 2024 को एक भव्य उत्सव के साथ द्रास, कारगिल में समाप्त होगी।
यह कार्यक्रम कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करेगा और भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ मनाएगा। कारगिल विजय ज्ञान यात्रा 2024 का उद्देश्य कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना और जागरूकता को भी बढ़ावा देना है।
यात्रा में शामिल सिद्धार्थ दवे ने गुजरात सरकार, भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र के साथ विभिन्न देशों में काम किया है। वे द डेली गार्जियन के नियमित स्तंभकार हैं, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर लिखते हैं। वह विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर टीवी डिबेट में नजर आते हैं। वह मार्कसक्सेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं और लोकसभा रिसर्च फेलो रह चुके हैं। वह कार्टर स्कूल फॉर कॉन्फ्लिक्ट एनालिसिस एंड रेजोल्यूशन – जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी-यूएसए, नेशनल लॉ स्कूल, बैंगलोर और यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी टोक्यो के पूर्व छात्र है। वह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व संस्थान अम्मान, जॉर्डन का हिस्सा रहे थे। दवे ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में विद्यार्थियों को पढ़ाया भी है।