कहते हैं ईश्वर कुछ कमी रखता है तो कुछ पाने का हौसला भी साथ ही देता है. कुछ ऐसी ही कहानी है चेन्नई में के रहने वाले बाला नागेन्द्रन की. जन्म से ही 100 फीसदी अंधता के साथ जन्म लेने वाले बाला नागेन्द्रन की संघर्ष की कहानी पर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है. बाला नागेन्द्रन ने अपनी इच्छा शक्ति और जुनून के दम पर वो मुकाम हासिल किया करने के लिए देखने वाले व्यक्ति के लिए भी एक सपना ही होता है. शिखर पर पहुंचने के सफर में आज हम बात करने जा रहे हैं इसी इंसान की जिन्होंने 7 असफलताओं को पीछे छोड़ते हुए अपने सपने को पूरा किया.
बाला नागेन्द्रन का जीवन परिचय
बाला नागेन्द्रन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था. नागेन्द्रन जन्म से ही नेत्रहीन थे. नागेन्द्रन ने स्कूल शिक्षा लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल और राम कृष्ण मिशन स्कूल से पूरी की. इसके बाद चेन्नई से ही बीकॉम की डिग्री भी प्राप्त की. बाला नागेन्द्रन के पिता एक टैक्सी ड्राइवर थे और मां गृहणी महिला थी. बाला बचपन से ही काफी होनहार छात्र थे. स्कूल में पढ़ने के दौरान जब बाला 7 साल के थे उसी समय उनको शिक्षक से आईएएस बनने की प्रेरणा मिली.
2011 से शुरू कर दी यूपीएससी की परीक्षा तैयारी
बाला नागेन्द्रन ने साल 2011 से ही यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन बाला के सामने चुनौतियां कम नहीं थी. हर मोड़ पर एक नई चुनौती बाला का इंतजार करती रहती थी. लेकिन बाला इन चुनौतियों से डरने वाले नहीं थे. बाला को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए ब्रेल लिपि में किताबें खोजने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था.
4 साल लगातार असफलता का चखा स्वाद
बाला ने 2011 में जहां यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की. तो वहीं बाला नागेन्द्रन को लगातार 4 साल तक असफलता का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने एक बार भी हार नहीं मानी. बल्कि जब भी वो असफल होते थे तो अगली बार दोगुनी मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी में जुट जाते थे.
2017 में पहली बार परीक्षा की पास,लेकिन ग्रेड से नहीं थे संतुष्ट
बाला नागेन्द्रन ने पहली बार 2017 में पहली बार यूपीएससी ग्रेड ए की परीक्षा पास की. और 927वीं रैंक हासिल की. लेकिन बाला नागेन्द्रन ने ग्रेड ए की नौकरी करने से इनकार कर दिया था. बाला का सपना आईएएस बनने का था. जिसको पूरा करने के लिए बाला ने नौकरी ज्वाइन करने से इनकार किया. बाला ने फिर से तैयारी की और इस बार भी वो एक नम्बर से रह गए.
आखिरकार 2019 में अपने सपने को किया पूरा
7 बार फेल होने और 1 बार नौकरी ज्वाइन नहीं करने के फैसले के बाद भी बाला ने हार नहीं मानी. और आखिरकार बाला नागेन्द्रन ने साल 2019 में अपने सपने को पूरा किया. बाला नागेन्द्रन ने साल 2019 में अपने 9वें प्रयास में सफलता हासिल की. साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा में 659 रैंक हासिल करते हुए बाला ने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया