क्योंकि हर तस्वीर कुछ कहती है, राहुल गांधी के साथ गहलोत, पायलट, डोटासरा की तस्वीरों के हैं सियासी मायने

जयपुर। राजस्थान में 18 दिनों के सफ़र के बाद अब भारत जोड़ो यात्रा की विदाई हो गई है। हरियाणा में प्रवेश से पहले आज ही राहुल गांधी के साथ राजस्थान कांग्रेस के नेताओं की दिलचस्प और आत्मीय तस्वीरें सामने आयी। इन तस्वीरों में जहाँ राहुल गांधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से गले मिलते हुए नज़र आए। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस नेता भँवर जितेंद्र के साथ उनकी तस्वीरों की भी पर ख़ूब चर्चा हो रही है। कांग्रेस के अलग अलग कैंप इन तस्वीरों के ज़रिए अलग अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन तस्वीरों के ज़रिए राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं को न केवल राजस्थान में बेहतरीन मैनेजमेंट के लिए आभार जताया है बल्कि एक जुटता का संदेश देने की भी कोशिश की है।


दरअसल राजनीति में हर तस्वीर के मायने होते हैं। ज़रा इस पहली तस्वीर को देखिए जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी के साथ गले मिल रहे हैं। लंबे समय के बाद दोनों नेताओं की इस तरह की तस्वीर सामने आयी है दोनों के चेहरे की मुस्कान बता रही है कि सब ऑल इज़ वेल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल से इस तस्वीर को साझा किया है और यह संकेत दिया है कि जिस तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं वो सब बेमानी है। अब ज़रा इस दूसरी तस्वीर पर नज़र डालिए ये तस्वीर आत्मीयता का संदेश दे रही है इस तस्वीर में सचिन पायलट और राहुल गांधी गले मिल रहे हैं। दोनों के चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे हैं कि ये रिश्ता सीनियर जूनियर नेता का नहीं बल्कि दोस्ती वाला भी है। सचिन पायलट ने भी ने भी इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल से साझा करते हुए राहुल गांधी का स्नेह और प्रेम के लिए आभार जताया है।

अब ज़रा इन 2 तस्वीरों पर भी नज़र डालिए एक तस्वीर PCC चीफ़ डोतासरा के साथ है जो बता रही है जो ज़िम्मेदारी राजस्थान में यात्रा को क़ामयाब बनाने की उन्हें मिली थी उसमें भी क़ामयाब रहे हैं। जबकि भँवर जितेन्द्र सिंह के साथ राहुल गांधी की तस्वीर में दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज कंफर्टेबल लग रही है। ये तस्वीर बता रही है कि भले ही राजस्थान में पायलट गहलोत कैंप की बात की जाती रही लेकिन प्रमुख निर्णयों में भँवर जितेंद्र सिंह की सहमति भी बेहद ज़रूरी है। कुल मिलाकर जाते जाते राहुल गांधी न केवल कई संकेत देकर गए हैं बल्कि सवाल भी छोड़ गए हैं कि अब आगे क्या होगा क्या। सब कुछ ठीक रहेगा क्या पार्टी के भीतर जो सीज़फायर की स्थिति है वो बनी रहेगी या आने वाले दिनों में फिर से वही घमासान शुरू होने वाला है। राजस्थान कांग्रेस में आने वाला एक महीना बेहद निर्णायक है।
जयपुर से राजस्थान चौक की रिपोर्ट

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