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राजस्थान के बारां जिले में युवक के साथ अमानवीय व्यवहार, पेड़ से बांधकर जूतों की माला पहनाई

शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान के बारां जिले के बोरिना गांव में एक युवक को पेड़ से बांधकर जूतों की माला पहनाकर उसके साथ अमानवीय बर्ताव...
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पूर्व CM अशोक गहलोत ने सरकार के खिलाफ किया धरने का एलान, जानिए क्यों?

शरद पुरोहित,जयपुर। गांधी जयंती से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से भजनलाल शर्मा सरकार के खिलाफ राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। गहलोत ने गांधी वाटिका म्यूजियम को जनता के लिए नहीं खोले जाने पर सरकार की आलोचना करते हुए आगामी 28 सितंबर को धरना देने की घोषणा की है।

म्यूजियम की शुरुआत में देरी को लेकर गहलोत ने जताई नाराजगी

अशोक गहलोत ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा कि करीब एक साल पहले उद्घाटन होने के बावजूद भी गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए नहीं खोला गया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया और कहा कि म्यूजियम को आम जनता के बीच महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के संदेश को फैलाने के लिए खोला जाना चाहिए था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।

28 सितंबर को धरने का ऐलान

अशोक गहलोत ने अपने पोस्ट में आगे कहा कि वह और तमाम गांधीवादी विचारक 28 सितंबर को जयपुर के सेंट्रल पार्क में स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम पर धरना देंगे। यह धरना सुबह 11 बजे से अपराह्न 4 बजे तक चलेगा। गहलोत ने कहा कि जनता को गांधीजी के विचारों से परिचित कराने के लिए म्यूजियम को जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं ने किया था उद्घाटन

पिछले साल 23 सितंबर को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेंट्रल पार्क में गांधी वाटिका का उद्घाटन किया था। इस म्यूजियम को महात्मा गांधी के विचारों और सत्य, अहिंसा के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसके निर्माण में 85 करोड़ रुपये की लागत आई थी और इसे गांधीवादी विचारकों की समिति के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।

सरकार पर हठधर्मिता का आरोप

गहलोत ने भजनलाल शर्मा सरकार पर इस म्यूजियम को लेकर हठधर्मिता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई बार व्यक्तिगत रूप से और पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया, लेकिन इसके बावजूद म्यूजियम को जनता के लिए नहीं खोला गया है। गहलोत का मानना है कि सरकार जानबूझकर इस काम में देरी कर रही है, जिससे गांधीजी के संदेश जनता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।