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विशेष: शिक्षा के क्षेत्र गहलोत सरकार की अभिनव पहल, गांव-कस्बों में खुल रहे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे इसी उद्देश्य से राजस्थान में सत्र 2022-23 में अब तक एक हजार 700 से अधिक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय खोले जा चुके हैं। जिनमें 3.50 लाख से ज्यादा बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। बढ़ती महंगाई के दौर में जहाँ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा भी महंगी होती जा रही है, वहाँ माता-पिता का अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में दाखिला कराने का सपना अब राज्य सरकार की अभिनव पहल पर साकार हो रहा है। निजी विद्यालयों में लगने वाली भारी भरकम फीस को गरीब और कमजोर वर्ग चाह कर भी वहन नहीं कर पा रहा था। जिसके चलते वे मायूस होते थे लेकिन अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में हर बच्चे का अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्राप्त करना आसान हो गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा नवाचार

अशोक गहलोत की पहल पर राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा नवाचार किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वर्ष 2019 में 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कक्षा एक से बाहरवीं तक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें सहशिक्षण की व्यवस्था की गई ताकि राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बालक बालिका वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। वैश्वीकरण के इस युग में अंग्रेजी का महत्व किसी से छुपा नहीं है। अंग्रेजी शिक्षा से व्यापार और रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं।

योजना की शुरुआत जून, 2019 में की गई। राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक-एक महात्मा गांधी (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लेकर प्रारंभ में 33 विद्यालय खोले गए। इन विद्यालयों के प्रति अभिभावकों और विद्यार्थियों के बढ़ते हुए रुझान को देखकर वर्ष 2020-21 में 172 ब्लॉक मुख्यालय पर विद्यालयों का संचालन किया गया। अंग्रेजी माध्यम के राजकीय विद्यालयों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण राज्य सरकार द्वारा 5 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों और गांव में भी आगामी वर्ष में एक हजार अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है।

अध्यापकों की कमी होगी दूर

राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न विषयों के 9 हजार 712 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 जनवरी 2023 से प्रारंभ हो गयी है, जो कि प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने में ठोस कदम साबित होगा तथा इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी।

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय छतरी वाली ढाणी, दौसा के प्रधानाचार्य गोविंद शरण बंसल ने बताया कि प्रारंभिक वर्ष 2020-21 में विद्यालय में 88 विद्यार्थी थे जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 242 हो गए हैं। इस विद्यालय में अध्ययनरत ज्यादातर विद्यार्थी निजी विद्यालयों से आए हैं। इस विद्यालय में शैक्षिक, खेल और करिकुलर जैसी गतिविधियां के परिणाम स्वरूप तीन विद्यार्थियों ने इंस्पायर अवार्ड जीता है साथ ही एक विद्यार्थियों ने नेशनल मीन्स कम-मेरिट स्कॉलरशिप प्राप्त की है तथा इस विद्यालय के खिलाड़ियों ने 65 वीं जिला स्तरीय हैंडबॉल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है औऱ 4 खिलाड़ियों का चयन राज्य स्तरीय हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है। एक खिलाड़ी ने योगा ओलंपियाड व्यायाम में स्वर्ण पदक जीता है।

इसी विद्यालय की अध्यापिका कोमल यदुवंशी का प्रयास रहता है कि विद्यालय के छात्र भी प्राइवेट विद्यालय के छात्रों से कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें। उनके साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। उनका कहना है कि गणित के बच्चों को बुनियादी ज्ञान में वृद्धि के लिए हमेशा बच्चों को खेल, पेपर कटिंग, क्राफ्टिंग एवं पहेलियों के माध्यम से पढ़ाती हूं। जिससे छात्र अपने बेहतर भविष्य के लिए तैयार हो पाते हैं।

निहारिका देव और शिफान अली के सपनों को मिले पंख

दौसा के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा निहारिका देव ने कहा कि पहले वह प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थीं, जहां उन्हें भारी भरकम फीस देनी होती थी, मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति पर काफी भार पढ़ता था। लेकिन महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से अब इंग्लिश मीडियम में पढ़ना आसान हो गया है। छात्रा ने कहा कि विद्यालय के अध्यापक विद्यार्थियों का हर क्षेत्र में सहयोग करते हैं एवं उनके व्यक्तित्व के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।

इसी तरह कक्षा सात के छात्र शिफान अली का कहना है कि मैं पहले प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता था जहां मेरे परिवार को प्रतिवर्ष 17 से 20 हजार रुपये तक फीस चुकानी पढ़ती थी। लेकिन राज्य सरकार के नवाचार से अब मेरे परिवार पर शिक्षा का बोझ नहीं है। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय में प्रवेश लेना मेरा एक बेहतरीन निर्णय रहा है। विद्यालय में गेम्स, लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिनका हम सदुपयोग कर पा रहे हैं और हमे दूर तक भटकना नहीं पड़ता है।

जयपुर के कावेरी पथ मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय की प्रधानाचार्य अनु चौधरी ने बताया कि सत्र 2020-21 में उनके विद्यालय में 276 विद्यार्थी थे जो सत्र 2022-23 में बढ़कर 900 हो गए हैं। इस विद्यालय के उत्कृष्ट अध्ययन व सह शैक्षणिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप इस विद्यालय के दो विद्यार्थियों ने इंस्पायर अवार्ड जीता है साथ ही तीन विद्यार्थियों ने नेशनल मीन्स कम-मेरिट स्कॉलरशिप (NMMS) प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में प्रवेश के लिए हर क्षेत्र से रसूखदारो की सिफारिशें आ रही है। लेकिन विद्यालय में प्रवेश लॉटरी सिस्टम के द्वारा बड़ी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा हैं।

लवीना ने प्राप्त की मीन्स कम-मेरिट स्कॉलरशिप

इसी विद्यालय की कक्षा नौवीं की छात्रा लवीना बावानी का कहना है कि मेरे पिछले निजी विद्यालय में कोई स्पोर्ट्स एक्टिविटी नहीं होती थी सिर्फ पढ़ाई कराई जाती थी, लेकिन महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय में पढ़ाई के साथ कल्चरल, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज भी कराई जाती है। मेरा लेवल पहले वाले स्कूल में अच्छा नही था लेकिन इस स्कूल में आने के बाद मेरी इंग्लिश बहुत अच्छी हो गयी है। इस विद्यालय में पढ़कर नेशनल मीन्स कम-मेरिट स्कॉलरशिप (NMMS) प्राप्त की है। साथ ही कहा कि मैं राजस्थान सरकार का धन्यवाद करना चाहती हूं,जिसकी वजह से हम इन्हीं स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यह स्कूल सभी परिवारों के बच्चों के लिए बहुत लाभकारी हैं।

अभिभावकों का सपना हो रहा साकार

अभिभावक मंजू देवी का कहना है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण हमनें कभी सोचा नहीं था कि हमारा बच्चा भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ेगा लेकिन राजस्थान सरकार की इस योजना के कारण यह हमारे परिवार का पहला बच्चा है जो अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ रहा है। विद्यालय के सभी अध्यापक बहुत ही अच्छे हैं साथ ही बच्चों को ड्रेस, सभी प्रकार की पुस्तकें और पोषाहार जैसी सुविधाएं समय पर प्राप्त हो रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार का मैं आभार व्यक्त करती हूं।

बच्चों और अभिभावकों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा के क्षेत्र में जो बड़े फैसले लिए हैं, उनके दूरगामी परिणाम सामने आने लगे हैं। आज महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चे अंग्रेजी में बात कर रहे हैं और राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए अभिभावक एवं विद्यार्थी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इन स्कूलों की लोकप्रियता इतनी है की, कई राज्यों की सरकारें भी इस फैसले की सराहना कर चुकी हैं।