कुलदीप छंगाणी, पोकरण। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में चुनाव आयोग (Election Officer Strict) सख्त नज़र आ रहा है. जैसलमेर जिले के पोकरण विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायतों पर चुनाव आयोग की दूसरी बड़ी कारवाई देखने को मिली. यह कार्यवाही निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी कार्यालय पोकरण में कार्यरत नायब तहसीलदार माधोसिंह के खिलाफ हुई.
जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय जैसलमेर से प्राप्त आदेश के अनुसार विधानसभा की मतदाता सूचियों में गंभीर अनुशासनहीनता बरतने पर माधोसिंह रतनू को जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर ) आशीष गुप्ता (Election Officer Strict) द्वारा निलंबित कर दिया गया है और निलंबन अवधि तक मुख्यालय जैसलमेर कर दिया गया हैं.
नायब तहसीलदार को किया कार्यमुक्त
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पूर्व राजस्व विभाग द्वारा नायब तहसीलदार माधोसिंह का स्थानांतरण कर जैसलमेर जिला मुख्यालय पर लगाया था. लेकिन, माधोसिंह द्वारा कोर्ट से स्टे लाकर 26 सितंबर को पुनः एसडीएम कार्यालय में कार्यग्रहण कर लिया. वहीं, माधोसिंह के पुत्र आनंद रतनू जिसका हाल ही में अध्यापक पद पर चयन हुआ.
रिटर्निग अधिकारी (एसडीएम) पोकरण ने कल देर रात कार्यमुक्त कर विद्यालय में उपस्थिति देने के लिए आदेशित किया हैं. माधोसिंह पर आरोप लगाए जा रहे कि उसने अपने पुत्र जिसने कि हाल ही में अध्यापक के रूप में कार्य ग्रहण किया था. राजनीतिक संरक्षण के कारण कंट्रोल रूम में लगा दिया था. पोकरण विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूचियों में फर्जीवाड़े को लेकर माधोसिंह के खिलाफ काफी लंबे समय से शिकायते (Election Officer Strict) भी मिल रही थी.
पहले बीएलओ को किया गया था निलंबित
गौरतलब है कि बीते 13 सितंबर को पोकरण विधानसभा के बीएलओ संजय कुमार को भी मतदाता सूची से संबंधित कार्य में गंभीर लापरवाही के चलते निलंबित (Election Officer Strict) किया जा चुका है और अब पिता पुत्र दोनों पर एक साथ चुनाव आयोग की गाज गिरने से चुनाव शाखा में कार्यरत अन्य अधिकारियों में खलबली मची हुई है.
नहीं थम रहा फर्जी नाम जुड़ने का मामला
पोकरण विधानसभा क्षेत्र में आधार कार्ड में उम्र बढ़ाकर दर्जनों बच्चों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का मामला पहले भी सामने आ चुका है. उस दौरान 14 सितंबर को भाजपा नेता महंत प्रतापपुरी के नेतृव में ज्ञापन देकर एक दिन के प्रवास पर आए संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा को इस मामले से अवगत करवाया था.
उम्र बढ़ाकर जोड़े जा रहे नाम
इस दौरान महंत ने संभागीय आयुक्त को तीन केस दिखाए थे. जिसमें आधार कार्ड में उम्र बढ़ाकर मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए थे. ऐसा ही एक मामला हमारी पड़ताल में भी सामने आया है. जिसमें लोंगासर निवासी कोजे खान पुत्र सखी खान की उम्र मतदाता सूची में 22 वर्ष बताई जा रही है. जबकि विद्यालय रिकॉर्ड के अनुसार उसकी जन्म तिथि 5- 4 -2011 बताई जा रही है.