चौक टीम, जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उदयपुर की रैली में गहलोत सरकार पर लगाये आरोपों प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेस को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि शाह ने उदयपुर में राजनीति करने के उद्देश्य से कन्हैयालाल हत्याकाण्ड का मुद्दा उठाया है ताकि राजस्थान में धार्मिक उन्माद का वातावरण बना सके.
कन्हैयालाल मामले पर दी प्रतिक्रिया
डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा कि अमित शाह को यह जानकारी नहीं है कि कन्हैयालाल के हत्यारों को राजस्थान पुलिस ने 24 घण्टे के भीतर गिरफ्तार कर लिया एवं राजस्थान सरकार ने उनके परिजनों को सरकारी सहायता देते हुए दोनों पुत्रों को अनुकम्पा नियुक्ति दी. सर्वश्रेष्ठ पैकेज सहायता के रूप में प्रदान किया. जिससे कन्हैयालाल के परिजन संतुष्ट है.
केंद्र सरकार नहीं दिलवा पायी फांसी- डोटासरा
इसी प्रकरण में राजस्थान पुलिस से एनआईए ने जाँच ले ली किन्तु 12 माह बाद भी एनआईए व केन्द्र सरकार अपराधियों को न्यायालय से फाँसी की सजा नहीं दिलवा सकी है. गृहमंत्री अमित शाह प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैला कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते है किन्तु वे इसमें सफल नहीं हो सकेंगे.
ईआरसीपी को लेकर प्रदेश से किया कुठाराघात- डोटासरा
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जल जीवन मिशन के कार्यों को आधार बनाकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की पीठ थपथपाई किन्तु भूल गए कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं क्षेत्रफल के कारण राजस्थान प्रदेश को विशेष पैकेज मिलना चाहिए था. क्योंकि यहाँ पर गाँव और ढाणियों में 15 और उससे अधिक का फासला है. जल जीवन मिशन के तहत् 50-50 के अनुपात में अन्य राज्यों की भाँति योजना प्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है जबकि प्रदेश के ही जनप्रतिनिधि आज जलशक्ति मंत्री है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने का वादा किया था किन्तु अमित शाह ने इस विषय पर एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने कहा कि 13 जिलों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की जनता को निराश किया है.
वंशवाद राजनीति पर दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि अमित शाह आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे को मंत्री बनवाना चाहते है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे अपने सांसद बेटे को मंत्री बनाने का प्रयास लम्बे समय से कर रही है. डोटासरा ने प्रश्न किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी किसी भी राज्य में भाजपा नेताओं के परिजनों को टिकट नहीं देने की घोषणा कर सकती है, यदि ऐसा नहीं करते तो उन्हें अन्य दलों पर अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है.
माईक की छीना-छपटी सबने देखी- डोटासरा
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी लड़ाई जगजाहिर है. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश में सभा करने आये तो भाजपा नेताओं द्वारा एक-दूसरे को धकेलने व कोहनी मारने का दृश्य सभी ने देखा, कल केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की जोधपुर की सभा में भाजपा नेताओं द्वारा माईक की छीना-छपटी सबके सामने हुई, इसी प्रकार आज केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रोटोकॉल में नाम होने व भाषण तैयार होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भाषण के लिए नहीं बुलाकर सीधे ही श्री अमित शाह को भाषण के लिए बुलाया. उन्होंने कहा कि अमित शाह को दूसरे दलों पर टिप्पणी करने से पूर्व स्वयं की पार्टी के अंदरूनी कलह पर ध्यान देना चाहिए.