शरद पुरोहित,जयपुर। दौसा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी है। कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा ने बीजेपी के जगमोहन मीणा को 2300 वोटों से हराया। इस जीत के साथ ही कांग्रेस खेमे में जश्न का माहौल है। दीनदयाल बैरवा ने इसे जनता का समर्थन और बीजेपी की नीतियों पर जनता का जवाब बताया।
बीजेपी के दिग्गज को मिली हार
बीजेपी के उम्मीदवार जगमोहन मीणा, जो राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के भाई हैं, को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन इसका असर नज़र नहीं आया।
कांग्रेस का पलड़ा भारी
कांग्रेस ने इस चुनाव में दीनदयाल बैरवा को मैदान में उतारा, जो एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनके साथ मुरारीलाल मीणा और सचिन पायलट ने प्रचार किया, जिसका असर मतदाताओं पर साफ दिखा। बैरवा की सादगी और जनता से जुड़ाव ने कांग्रेस को जीत दिलाई।
दोबारा मतगणना की मांग
बीजेपी के दिग्गज और महुआ विधायक राजेंद्र मीणा के छोटे भाई ने चुनाव परिणाम पर सवाल उठाते हुए पुनः मतगणना की मांग की। हालांकि, मतगणना के बाद भी परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ, और कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा को विजयी घोषित कर दिया गया।
विकास के वादे
जीत के बाद कांग्रेस के नवनियुक्त विधायक दीनदयाल बैरवा ने जनता को धन्यवाद दिया और दौसा के विकास के लिए काम करने का वादा किया। उन्होंने कहा, “यह जीत जनता की जीत है। हम उनके भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।”
बीजेपी को बड़ा झटका
दौसा उपचुनाव का नतीजा बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के प्रभाव के बावजूद उनके भाई को हार का सामना करना पड़ा। इससे कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा और सचिन पायलट के मजबूत प्रचार की रणनीति को सफल माना जा रहा है।