जयपुर। प्रदेश में ओलावृष्टि और बरसात के चलते कई जिलों में हुई फसल खराबे के मामले को लेकर राजस्थान में अब सियासत भी तेज होने लगी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं, भाजपा की ओर से जहां सरकार पर आरोप लगाए गए हैं सरकार मुआवजा कम देने का दबाव बना रही है तो वही इस मामले को लेकर अब सत्ता पक्ष ने भी भाजपा पर हमला बोला है।
उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि 15 हज़ार के जूते पहनने वाले किसानों का दर्द क्या समझेंगे। भाजपा के नेताओं को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है, यह केवल राजनीति करते हैं । गहलोत सरकार पहले दिन से ही किसानों के साथ है। यह सरकार किसानों के वोटों से बनी है।
महेंद्र चौधरी ने आज विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस दिन ओलावृष्टि और बरसात हुई थी सरकार ने उसी दिन गिरदावरी कराने के आदेश दे दिए थे। इतनी जल्दी पहले कभी भी कोई आदेश नहीं हुए। कलेक्टर और पटवारियों को आदेश दिए। पटवारी अपनी रिपोर्ट भी दे रहे हैं लेकिन बीजेपी इस मामले में भी राजनीति कर रही है और कह रही है कि सरकार ने पटवारियों को कहा है कि कम नुकसान दिखाएं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।
किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय भाजपा को फील्ड में जाकर किसानों की सुध लेनी चाहिए कि उनका कितना नुकसान हुआ है। महेंद्र चौधरी ने कहा कि जल्द से जल्द गिरदावरी की रिपोर्ट सरकार तक पहुंच जाएगी और किसानों को उनके नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी। चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है।
सरकार को घेरने की परिभाषा नहीं समझ पाया
वही सदन में सरकार को घेरे जाने को लेकर चल रही चर्चाओं पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि लंबे समय से सुन रहा हूं कि विपक्ष सदन में सरकार को घेर रहा है लेकिन घेरना किसे कहते हैं इसकी परिभाषा आज तक नहीं समझ पाया हूं। केवल सदन में 2 मिनट के लिए हो हुल्लड़ और शोर शराबा करके अपनी सीट पर बैठ जाना घेरना नहीं कहते हैं। घेरना तो उसे कहते हैं जब सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दिया जाए,सड़कों को जाम कर दिया जाए। रास्ते रोक दिए जाएं उसे घेरना कहते हैं जब मैं राजस्थान विश्वविद्यालय का अध्यक्ष था तब हम सड़के जाम करते थे और विधानसभा का घेराव करते थे। सीपी जोशी विधानसभा के स्पीकर है उनके सामने ज्यादा हो हुल्लड नहीं चलता है।
ईस्तीफो का प्रकरण विधानसभा और हाईकोर्ट के बीच
वहीं कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफे के मामले को लेकर हाईकोर्ट की ओर से जवाब मांगे जाने पर उप मुख्य सचेतक मेहंदी चौधरी ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते हैं क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट और विधानसभा के बीच है।