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कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती का अंतिम परिणाम जारी होने के बाद उठने लगी मांग. हटाई जाए न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता

राजस्थान में पहली बार निकाली गई कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती में अंतिम परिणाम जारी हो चुके  हैं, दिसम्बर 2022 में जहां वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती का अंतिम परिणाम जारी किया गया तो वहीं 18 जनवरी 2023 को बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती का परिणाम जारी किया गया. लेकिन परिणाम जारी होने के साथ ही एक बार फिर से न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता हटाने की मांग तेज होने लगी है. 10 हजार 157 पदों पर आयोजित हुई इस भर्ती में 4 हजार 62 पद काली रह गए हैं.

भर्ती में 40.20 फीसदी पद रह गए खाली

10 हजार 157 पदों पर आयोजित हुई कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की अगर बात की जाए तो वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक और बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के 4 हजार 62 पद खाली रह गए हैं. 295 पदों पर निकाली गई वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में जहां 27 पद खाली रहे थे तो वहीं 9 हजार 862 पदों में से 4 हजार 15 पद खाली रह गए हैं. पद खाली रहने की वजह रही है भर्ती में 40 फीसदी न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता वाला नियम लागू करना.

बाध्यता हटाते हुए फिर से परिणाम जारी करने की मांग

न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता के चलते भर्ती से बाहर हुए बेरोजगारों ने अब सरकार से गुहार लगाई है कि राजस्थान में पहली बार ही कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. साथ ही भर्ती विज्ञप्ति जारी होने के बाद न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता वाला नियम भर्ती पर लागू किया गया. जिसके चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए. इसलिए सरकार न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता में शिथिलता देते हुए फिर से परिणाम जारी कर खाली रहे पदों पर दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाए और खाली रहे पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी की जाए.

किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है भर्ती को लेकर हुए संघर्ष की कहानी

प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सरकार की ओर से भर्ती को लेकर बजट में घोषणा की. लेकिन बाद में जब भर्ती संविदा पर निकाली तो राजस्थान में एक बड़ा आंदोलन देखने को मिला. इस आंदोलन की आंच उत्तर प्रदेश तक पहुंची जहां प्रियंका गांधी से मुलाकात कर बेरोजगारों ने अपनी पीड़ा रखी. बेरोजगारों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने मामले में हस्तक्षेप कर राजस्थान सरकार को नियमित भर्ती करवाने के निर्देश दिए और उसके बाद यह भर्ती नियमित हो पाई.