प्रदेश में पिछले 4 सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों का इंतजार है. पिछले दिनों तबादलों की मांग को लेकर संयुक्त शिक्षा मोर्चा के बैनर तले राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर एक बड़ा आंदोलन किया गया. लेकिन इस आंदोलन का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद आखिरकार शिक्षक प्रतिनिधियों को दिल्ली का रूख करना पड़ा है. शिक्षक नेता हरपाल दादरवाल के नेतृत्व में इस समय शिक्षक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में डेरा डाले हुए है. साथ ही कांग्रेस के आला पदाधिकारियों से मुलाकात का इंतजार कर रहा है.
किसी को 4 साल तो किसी को दशकों से तबादलों का इंतजार
2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई तो उसके बाद से ही शिक्षा विभाग में हर तबके को तबादलों की सौगात दी गई. चार साल में शिक्षा विभागों में सैंकड़ों तबादले हुए. लेकिन इन तबादलों से महरूम रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक. तो वहीं डार्क जोन में लगे शिक्षकों को तबादलों का इंतजार करीब 10 से 15 सालों से है.
डेढ़ साल पहले लिए थे आवेदन. आज तक सूची का इंतजार
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग जब तेज हुई तो सरकार की ओर से इन शिक्षकों को तबादलों की सौगात की खुशखबरी देते हुए करीब डेढ़ साल पहले तबादला आवेदन मांगे गए. जिसमें करीब 85 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे. लेकिन उसके बाद से ही तबादला सूची तबादला नीति के फेर में फंस कर रह गई है.
तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल शिक्षकों के साथ दिल्ली में फिलहाल डेरा डाले हुए हैं.इसके साथ ही कांग्रेस पदाधिकारियों से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं. हरपाल दादरवाल का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने हर वर्ग को तबादलों की सौगात दी है. लेकिन प्रदेश के करीब 1 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों से महरुम है. इसलिए जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही आने वाले समय में इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा