30 अप्रैल को राजस्थान यूनिवर्सिटी में दो छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित हुए. जिसमें से एक शोध छात्रसंघ पदाधिकारी के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन था तो वहीं दूसरा पंच वर्षीय विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन हुआ था. इन दोनों की छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम में आने का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कार्यक्रम प्रस्तावित था. लेकिन एन वक्त पर मुख्यमंत्री के आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. जिसके बाद छात्र संघ पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर गणमान्य लोगों से छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन करवाया.
कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम से पहले हुआ था बड़ा विवाद
दोनों ही छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन के बाद राविवि के घूमर पांडाल में मुख्य कार्यक्रम आयोजित होना था. लेकिन मुख्य कार्यक्रम से पहले ही छात्र संघ पदाधिकारी और राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन आमने-सामने होता हुआ नजर आया. इस दौरान मंच पर ही दोनों भिड़ते हुए भी नजर आए. मंच से गिरने के चलते एक छात्र के पैर में फ्रैक्चर भी हुआ था. 30 अप्रैल को हुई इस घटना के बाद अब शोध छात्र संघ अध्यक्ष रामस्वरूप ओला ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात कही है. साथ ही राविवि की रजिस्ट्रार पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दे डाली है.
छात्रसंघ अध्यक्ष ने दी चेतावनी
घटना के दो दिनों के बाद शोध छात्रसंघ अध्यक्ष रामस्वरूप ओला ने एक प्रेसवार्ता कर आंदोलन की चेतावनी दी. रामस्वरूप ओला ने आरोप लगाते हुए कहा कि 30 अप्रैल को छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन में मुख्यमंत्री का आना प्रस्तावित था. और इसकी अनुमति पहले ही मिल चुकी थी. राविवि प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई थी. लेकिन राविवि प्रशासन द्वारा कोई खास इंतजाम नहीं किए गए. इस बीच पंच वर्षीय विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर भी बात आई. ऐसे में विधि महाविद्यालय में सिर्फ फीता काटने की बात हुई थी. बाकि पूरा कार्यक्रम यथावत ही रखा गया था.
शिक्षकों ने कार्यक्रम बिगाड़ने की प्लानिंग की- रामस्वरूप ओला
शोध छात्रसंघ अध्यक्ष रामस्वरूप ओला ने आरोप लगाया की राविवि के शिक्षकों द्वारा पूरे कार्यक्रम को खराब करने की प्लानिंग सुनियोजित तरीके से की गई. इसकी शिकायत अब मुख्यमंत्री तक की जाएगी. पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी और अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं होती है तो आने वाले समय में राविवि प्रशासन के खिलाफ आंदोलन भी किया जाएगा.