चौक टीम, जयपुर। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना के अन्तर्गत जमा सभी राजनीतिक पार्टियों के चुनावी बॉन्ड की जानकारी 06 मार्च, 2024 तक सार्वजनिक करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने में लेटलतीफी करने पर गुरुवार को कांग्रेस ने एसबीआई और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। राजधानी जयपुर में शहर जिला कांग्रेस कमेटी और जयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।
कांग्रेस के प्रदर्शन में नहीं पहुंचे बड़े नेता
बता दें शहर अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी और देहात अध्यक्ष गोपाल मीणा की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ता रामलीला मैदान के सामने इकठ्ठा हुए और एसबीआई की न्यू गेट स्थित ब्रांच तक पैदल मार्च किया। इसके बाद एसबीआई के सामने नारेबाजी कर विरोध दर्ज करवाया। इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी और विधायक प्रत्याशी अर्चना शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज और सीताराम अग्रवाल नहीं दिखे। इसे लेकर कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष आरआर तिवाड़ी का दर्द छलक उठा।
पहली बार चुनाव में चंदे का घोटाला
आरआर तिवाड़ी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पहली बार चुनाव में चंदे का घोटाला हो रहा है। केंद्र की मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आई और इसके जरिए सबसे ज्यादा चंदा जुटाया। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने इलेक्टोरल बॉन्ड का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट को देने के आदेश दिए थे, जो की अभी तक भाजपा ने नहीं दी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इसका तोड़ निकालते हुए एसबीआई को पार्टी बनाया और एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एसबीआई की ओर से मोहलत मांगने का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि एसबीआई भाजपा की पोल सामने आने से बचा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा को विदेशों से भी चंदा मिला है। जिसका हिसाब भाजपा नहीं देना चाहती है। इसी को लेकर आज प्रदर्शन किया गया।
बड़े नेताओं के नहीं आने पर क्या बोले तिवाड़ी?
पूर्व मंत्री और विधायकों के प्रदर्शन में नहीं आने के सवाल पर तिवाड़ी बोले- जिसको आना है. वह आएगा और जिसे नहीं आना है। वह नहीं आएगा। जो कांग्रेस का सच्चा सिपाही है और देश के तिरंगे को मानता है, वह आएगा। यह बदलाव का युग है। पुराने लोग जाएंगे तो नए लोग आएंगे। यह कांग्रेस के अस्तित्व का नहीं बल्कि जनता और लोकतंत्र का सवाल है। जो नहीं आ रहे उन्हें जनता चुनाव में देख लेगी। यह कांग्रेस किसी की बपौती नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर प्रदेश के नेताओं को भी जानकारी दी गई है। फैसला आलाकमान को करना है।
सवाई माधोपुर में भी कार्यकर्ताओं का धरना
कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बजरिया के पुराने ट्रक यूनियन के पास इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड मामले में एसबीआई बैंक के सामने जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह गुर्जर के नेतृत्व में धरना दिया। धरना स्थल पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिर्राज सिंह गुर्जर ने बताया कि जिले एवं शहर ग्रामीण ब्लॉक के कांग्रेस कार्यकर्ता और अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से धरना दिया गया है। उन्होंने कहा कि काले धन को भारतीय जनता पार्टी सफेद करने के बाद अपना बॉन्ड पेश करेगी। इसीलिए पार्टी ने 30 जून तक का समय मांगा है। इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खेरवाड़ा ने भी किया प्रदर्शन
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आज विधान सभा क्षेत्र खेरवाडा के विधायक डाक्टर दयाराम परमार निर्देशानुसार व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खेरवाडा के अध्यक्ष दिनेश मीणा के नेतृत्व में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खेरवाडा के पदाधिकारियों, ब्लॉक कांग्रेस के अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय स्टेट बैंक शाखा कार्यालय खेरवाडा के बाहर भारतीय स्टेट बैंक के विरोध में जोरदार प्रदर्शन कर केन्द्र की भाजपा के विरोध में नारेबाजी की। इस अवसर पर विधान सभा क्षेत्र खेरवाडा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष रवि भावा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना के अन्तर्गत जमा सभी राजनीतिक पार्टियों के चुनावी बॉन्ड की जानकारी भारतीय स्टेट बैंक शीघ्र सार्वजनिक करे।
ये है पूरा मामला
बता दें, एसबीआई से इलेक्टोरल बॉन्ड के दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग की जा रही है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी इस मामले पर कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड बैन किया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकतंत्र में किसने, किस पार्टी को, कितना पैसा दिया इस बारे में सबकुछ जनता को पता होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया था कि, 6 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं, हालांकि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का वक्त मांगा है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसबीआई यह डाटा सार्वजनिक नहीं कर पा रहा है।