कई राजनीतिक पार्टियां समय समय ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग के सामने चिंता जाहिर कर चुकी है। हालाँकि चुनाव आयोग ईवीएम की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है और इनकी सुरक्षा का भी कड़ा इंतजाम किया गया है लेकिन राजस्थान में 7 दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर ईवीएम से छेड़छाड़ का डर लग रहा है। इसकी वजह से राजयभर में कांग्रेस के उम्मीदवार जिला मुख्यालयों पर निगरानी कर रहे है।
इस से पहले कांग्रेस की तरफ से ईवीएम में छेड़छाड़ से बचने के लिए जिलाध्यक्ष और उम्मीदवारों को हर मतगणना स्थल पर 4-4 वाईफाई ट्रैकर लगाने के लिए कहा गया है।
पिछले दिनों मध्य प्रदेश में ईवीएम में गड़बड़ी की ख़बरों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर के पार्टी के कार्यकर्ताओं को ईवीएम की सुरक्षा के लिए ध्यान देने को कहा था। इसके बाद पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता पुलिस की अनुमति लेकर मतगणना स्थल पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से ईवीएम की निगरानी कर रहे है। निर्वाचन आयोग ने इस बारे में पहले ही कहा था कि अगर किसी पार्टी को ईवीएम की सुरक्षा को लेकर संदेह है तो वह अपने कार्यकर्ता मतगणना स्थल पर तैनात कर सकते है।
उम्मीदवार भी रख रहे ध्यान
ईवीएम पर निगरानी के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता कहीं मतगणना स्थल के बाहर डटे हुए है वहीं कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम पर ध्यान रखा जा रहा है। ईवीएम की सुरक्षा के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि खुद उम्मीदवार भी तैनात है। करौली जिले में सपोटरा से कांग्रेस उम्मीदवार रमेश मीणा ने मतगणना स्थल के बाद डेरा डाला वहीं डीग-कुम्हेर से कांग्रेस उम्मीदवार विश्वेन्द्र सिंह भी मतगणना स्थल पर जांच पहुंचे थे। उन्होंने तो पुलिस अधीक्षक पर ईवीएम में गड़बड़ करने के आरोप भी लगाए थे जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने पुलिस अधीक्षक को वहां से हटा दिया।