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कांग्रेस को लग सकता है एक और झटका! रिछपाल मिर्धा थाम सकते हैं ‘भाजपा का हाथ’; बोले- कांग्रेस में चाटूकार आगे बढ़ते हैं

पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा के बयान ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है।

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चौक टीम, जयपुर। पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा के बयान ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। नागौर के मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाले रिछपाल मिर्धा ने भी सार्वजनिक तौर पर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। सोमवार को रिछपाल मिर्धा ने कांग्रेस पर जमकरा निशाना साधा है। इसके बाद उनकी भाजपा में जानें की अटकलें तेज हो गई है। हालांकि, भाजपा में जाने को लेकर उनका कहना है कि परिवार के लोगों के साथ बैठकर तय करेंगे कि क्या करना है।

कांग्रेस में चाटूकार आगे बढ़ते हैं- मिर्धा

दरअसल, एक वीडियो में रिछपाल मिर्धा कहते दिख रहे हैं कि कांग्रेस में जनाधार वाले नेताओं को जगह नहीं है। जो चाटूकार-चमचे हैं, वो कांग्रेस में आगे बढ़ते हैं। आज मेरे जैसे वरिष्ठ नेता के पास कोई पद नहीं है। कोई पोस्ट नहीं दी गई है। संगठन में भी तवज्जो नहीं मिल रही है, हम 50 साल से कांग्रेस को लिए फिर रहे हैं। भाजपा में जाने के सवाल पर उनका कहना है कि मैं अभी किसी भी पार्टी का नहीं कह रहा हूं। हमारे परिवार के लोगों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि किस पार्टी के साथ जाना है।

भतीजी ज्योति मिर्धा भी छोड़ चुकी है कांग्रेस

मालूम हो कि रिछपाल मिर्धा की भतीजी ज्योति मिर्धा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें नागौर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, जहां उन्हें अपने ही चाचा हरेंद्र मिर्धा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने के बाद से ही रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे विजयपाल मिर्धा के भी भाजपा में जाने की चर्चा शुरू हो गई थी। रिछपाल मिर्धा के समधी लालचंद कटारिया के भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की चर्चा पिछले दिनों जोरों पर हैं।

बता दें रिछपाल मिर्धा पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में मंत्री रहे लालचंद कटारिया के समधी भी हैं। रिछपाल मिर्धा 1990 में जनता दल, 1993 में कांग्रेस, 1998 में निर्दलीय, 2003 में कांग्रेस से रहे हैं विधायक, रिछपाल मिर्धा के पुत्र विजय पाल मिर्धा भी 2018 में कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। बीते वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में विजयपाल भाजपा के अजय सिंह किलक से चुनाव हार गए थे। इससे पहले रिछपाल मिर्धा की भतीजी ज्योति मिर्धा भी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थी।

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