चौक टीम, जयपुर। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने रविवार को भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर विवादित टिप्पणी की है। साथ ही उन्होंने आरएसएस पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत रत्न तो मरे हुए लोगों को दिया जाता है। रंधावा रविवार को नागौर में जिला कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे।
आरएसएस को लेकर क्या कहा?
कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में रंधावा ने कहा कि भाजपा वालों को राम मंदिर से इतना ही लगाव होता तो राम मंदिर के लिए रथयात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में लेकर जाते। अब कह रहे हैं कि आडवाणी को भारत रत्न दे दो, तो यह तो मरे हुए लोगों को दिया जाता है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आरएसएस पर बैन किसने लगाया? गुजरात के सरदार वल्लभ भाई पटेल ने लगाया था। आरएसएस को देश विरोधी कहा था। जनसंघ 1955 में बना था। इनको इतना ही राम मंदिर से लगाव था तो प्राण प्रतिष्ठा में लालकृष्ण आडवाणी को क्यों नहीं लेकर गए, जिन्होंने रथ यात्रा शुरू की थी।
फिसली जुबान या विवादित बयान?
प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नागौर में कहा कि भाजपा मांग करती रही है कि आडवाणी को भारत रत्न दे दो, लेकिन भारत रत्न तो मरे हुए को दिया जाता है। रंधावा के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। रंधावा ने भारत रत्न जैसे सम्मान पर भी सवाल खड़े किए हैं।
रंधावा ने आगे कहा कि देश को बचाना है तो कांग्रेस को लेकर आगे आना होगा। क्या मोदी जी हमें सिखाएंगे कि देशभक्ति क्या है? ये कहते हैं कि भाजपा न होगी तो आतंकवाद आ जाएगा। पंजाब में जब शांति है तब कनाडा की बात करते हैं। देश को बांटने की बात करते हैं। आरएसएस वाले कहते हैं कि हम देशभक्ति का प्रचार करते हैं। गुलामी के वक्त कांग्रेस के नेता पर्चियां लेकर घूमते थे, जब अंग्रेज सांस नहीं लेने देते थे। पर्ची पर लिखा होता था- देश आजाद कराना है, सभी जगह बांटते थे।
बता दें इस कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने यह सम्मेलन रखा और नागौर जिले में टिकट किसे दिया जाए, इस पर भी चर्चा हुई।