जयपुर। चैत्र नवरात्र पर घर-घर घट स्थापना हुई। भारतीय नववर्ष पर मंदिरों में शंख-घंटा-घड़ियाल गूंज उठे और घट स्थापना के आयोजन हुए। शाम के समय आतिशबाजी कर भारतीय नव वर्ष का अभिनन्दन किया गया। श्रद्धालुओं ने नवरात्र में शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की आराधना की। देवी मंदिरों में दुर्गा सप्तशती के पाठ हुए, जबकि भगवान राम के मंदिरों में रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण की चौपाइयों के। शुभ और अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की गई। आमेर के शिला माता, मनसा माता, दुर्गापुरा के दुर्गा मंदिर, राजापार्क के वैष्णोदेवी मंदिर, घाटगेट श्मशान स्थित काली माता मंदिर, झालाना डूंगरी स्थित कालक्या मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में भव्य आयोजन हुए। चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार से श्रीराम चरितमानस का संगीतमय नवाह्न पारायण का आयोजन हुआ। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में प्रतिदिन सुबह सात से ग्यारह बजे तक 51 आसन पर 51 साधक श्रीराम चरितमानस की चौपाइयों का सस्वर संगीतमय पाठ करेंगे। श्रीचिंता हरण हनुमान मंदिर के बंशीजी महाराज व्यासपीठ से पाठ करेंगे। भगवान राम का दरबार सजाया गया।
आठ दिन के होंगे नवरात्र : इस साल 9 दिन के नहीं बल्कि 8 दिन के ही नवरात्र हैं क्योंकि नवरात्र में तृतीय तिथि का क्षय हो रहा है।
आमेर में शिलामाता के उमड़े श्रद्धालु :
आमेर स्थित शिलामाता मंदिर में चैत्र नवरात्र की स्थापना के साथ ही मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन और मनौती मांगने सुबह से ही एकत्रित होने लगे थे। मां के लिए चुनरी, प्रसाद, माला लिए श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते हुए श्रद्धा के साथ मंदिरों में आए। नवरात्र के दौरान मंदिर सुबह छह से साढ़े बारह और शाम को चार बजे से ही खुले रहे। चार अप्रेल को सप्तमी पर रात दस बजे निशा पूजन होगा।